तबादला निरस्त होने के इंतजार में अस्पताल छोड़ घर बैठे हैं 190 डॉक्टर, मरीजों की मुसीबत

Youth India Times
By -
2 minute read
0

लखनऊ। प्रदेश में करीब 190 डॉक्टर तबादला निरस्त होने का इंतजार कर रहे हैं। इसमें लेवल एक से लेकर लेवल चार तक के डॉक्टर हैं। ये अस्पतालों में कार्य करने के बजाय घर बैठे हैं। इसमें कोई बीमारी का हवाला दे रहा है तो कोई दाम्पत्य नीति का। डॉक्टरों और विभागीय अफसरों की लड़ाई में मरीज पिस रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरोंं की कमी जग जाहिर है। रही सही कसर तबादले ने पूरी कर दी है। प्रदेश में करीब 12 हजार डॉक्टर हैं। जून माह में करीब 2400 डॉक्टरों का स्थानांतरण किया गया। इसे लेकर जमकर बवाल हुआ। तबादला सूची में गड़बडी को लेकर अलग- अलग कमेटियां बनाई गईं। तबादला कमेटी में शामिल चिकित्साधिकारियों के खिलाफ भी जांच बैठाई गई, लेकिन नतीजा सिफर रहा। इतना जरूर हुआ कि कुछ डॉक्टरों के तबादले निरस्त किए गए। लेकिन करीब 190 अभी भी अधरझूल में हैं। इनमें कोई दाम्पत्य नीति का हवाला देकर तबादले को गलत ठहरा रहा है तो कोई बीमारी का हवाला देकर तबादला निरस्त करने की मांग कर रहा है।
इतना ही नहीं 26 जुलाई को विशेष सचिव डा. मन्नान अख्तर ने लेवल एक के 89 डॉक्टरों की सूची जारी करते हुए स्थनांतरण निरस्त अथवा संशोधित करने के लिए महानिदेशालय से पत्रावलियां मंगवाई। महानिदेशालय ने सूची का सत्यापन करने के बाद रिपोर्ट शासन में भेज दी। इसकेबाद भी अभी तक इस सूची में शामिल डॉक्टरों के तबादले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी तरह लेवल तीन और चार केभी तमाम डॉक्टरों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मिक सेक्शन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तबादले की जद में आने वाले करीब 190 डॉक्टरों ने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। ऐसे में इनका वेतन भी रोक दिया गया है। क्योंकि इन सभी का नई तैनाती वाले स्थान से वेतन जारी होना है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)