आगजनी में सपा विधायक और उनके भाई पर केस

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कार्रवाई में लापरवाही बरतने पर थानेदार पर गिरी गाज, निलंबित
कानपुर। कानपुर में जाजमऊ डिफेंस कॉलोनी में महिला के घर में आगजनी के मामले में पुलिस ने मंगलवार रात सपा विधायक इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की। केस दर्ज करने के करीब सात घंटे बाद भारी पुलिस बल ने इरफान के घर गिरफ्तारी के लिए दबिश दी। दबिश से पहले ही इरफान व रिजवान वहां से निकल चुके थे। बुधवार सुबह विधायक ने लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की और पुलिस पर साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। डिफेंस कॉलोनी निवासी नजीर फातिमा के मुताबिक उनके मकान व प्लॉट पर लंबे समय से विधायक इरफान सोलंकी व उसके भाई रिजवान की निगाह है। कई बार वह कब्जा करने का प्रयास कर चुके हैं। आरोप है कि सात नवंबर को नजीर जब परिवार संग एक शादी में गईं थीं, तब घर पर कोई नहीं था। इसी दौरान रिजवान व इरफान अपने साथियों संग आए और उनके मकान और प्लॉट में आग लगा दी। सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने आग बुझाई थी। घटना के संबंध में नजीर ने तहरीर दी थी, जिसके आधार पर मंगलवार रात आठ बजे विधायक व उसके भाई पर केस दर्ज किया गया। गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं।
केस दर्ज होने के बाद आधी रात करीब एक बजे जाजमऊ थाने में करीब डेढ़ दर्जन थानों की फोर्स इकट्ठा हुआ। दो बजे फोर्स इरफान सोलंकी के घर के चारों तरफ लग गया। रात तीन बजे एक टीम ने दरवाजा खटखटाया और घर के भीतर गई। वहां पर रिजवान व इरफान नहीं मिले। परिजनों से पूछताछ करने के बाद पुलिस लौट गई। इधर बुधवार सुबह जाजमऊ थाने और पुलिस दफ्तर में भारी पुलिस बल तैनात रहा।
मामले में जाजमऊ एसओ अभिषेक शुक्ला को निलंबित कर दिया गया। अफसरों का कहना है कि एसओ ने लापरवाही बरती। समय रहते केस दर्ज नहीं किया। तहरीर के हिसाब से धाराएं भी नहीं लगाईं। हालांकि जानकारी यह भी है कि कमिश्नरी के उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी थी। थानेदार आदेश का इंतजार कर रहा था लेकिन 24 घंटे तक केस दर्ज करने का आदेश नहीं हुआ। इसलिए थानेदार ने केस दर्ज नहीं किया था। बाद में जब मंगलवार रात अफसरों ने आदेश दिया तब एफआईआर हुई।

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