1 जून 1996 को पूजा देखने के लिए निकला था घर से, हो गया लापता आजमगढ़। बरदह थाना क्षेत्र के गोठांव गांव निवासी जिलाजीत मौर्य पुत्र सोभन मौर्य 35 वर्ष की आयु में गांव में हो रही पूजा देखने के लिए 1 जून 1996 में घर से निकले और वहीं से वह लापता हो गए। परिजनों ने उनकी काफी खोजबीन की लेकिन पता नहीं चल सका। उनके गायब होने का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि जिलाजीत मौर्य बचपन से ही बोल नहीं पाते, इनकी शादी भी नहीं हुई थी। इनके पिताजी की वर्तमान में मृत्यु हो चुकी है। करीब 3 महीने पहले इंटरनेट मीडिया से पता चला था कि अमेठी जिले में कहीं हैं। उसके बाद परिजनों ने तत्काल वहां जाकर पता किया तो वहां से निकल जाने की बात की जानकारी हुई, फिर भी परिवार प्रयासरत रहा कि अभी सकुशल है। उसके बाद धीरे-धीरे यह पता चला कि रायबरेली जनपद के हटवा गांव के प्रधान शिवेंद्र सिंह के यहां रह रहे हैं। ग्राम प्रधान शिवेंद्र सिंह भी जिलाजीत का घर व पता करने के प्रयास करते रहे। अन्ततः प्रयास रंग लाया और 13 दिसंबर को परिजन उक्त ग्राम प्रधान के घर पहुंचे, जहां पर उनको देखकर परिजनों की आखों से खुशी के आंसू छलक आये। वह भी अपने परिजनों को पहचान कर रोने लगे। घर से निकले परिजन चंद्रशेखर, प्रभाकर मौर्य, सुधाकर, अंगद मौर्य, रोहित, सत्य भूषण मौर्य, बेचन विश्वकर्मा, अभिषेक मौयर्, दिव्यांशु आदि का शिवेंद्र सिंह ने मान सम्मान किया। परिजन जिलाजीत मौर्य को अपने घर बरदह थाना क्षेत्र के गोठांव गांव में मंगलवार रात 11.30 लेकर आए। उनके घर पहंुचते ही उनको देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गयी।