आजमगढ़: दहेज के लिए पति व ससुर ने किया शारीरिक शोषण
By -Youth India Times
Friday, December 02, 2022
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पति ने किया अप्राकृतिक दुष्कर्म तो ससुर ने जारी रखा दुष्कर्म का सिलसिला पीड़िता ने सीएम व महिला आयोग से लगाई न्याय की गुहार रिपोर्ट-शाहआलम फराही आजमगढ़। दहेज लोभी पति व ससुर द्वारा किए जा रहे शारीरिक शोषण से आजिज आकर पीड़ित महिला किसी तरह ससुराल वालों के चंगुल से मुक्त होकर मायके पहुंची। पीड़िता की आपबीती सुनकर मायके वालों ने रानी की सराय थाने में आरोपी पति व ससुर के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में अब पुलिस सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायालय में बयान दर्ज कराने से परहेज कर रही है। पीड़ित महिला ने अपना बयान दर्ज कराने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री व राज्य महिला आयोग के साथ ही जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के कतरा नूरपुर ग्राम निवासी युवती की शादी रानी की सराय क्षेत्र के मलिक शाहपुर निवासी शफात पुत्र महताब आलम के साथ हुई है। पीड़ित महिला का आरोप है कि ससुराल पक्ष के लोग उस पर मायके वालों से दहेज मांगने के लिए दबाव बनाने लगे। ससुराल वालों की ईच्छा के अनुसार दहेज की मांग पूरी न होने पर उसके साथ अत्याचार किया जाने लगा। पीड़िता का पति उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने लगा। मायके वालों की गरीबी देख पीड़िता ससुराल वालों की प्रताड़ना सहन करने को मजबूर रही। हद तो तब हो गई जब पीड़िता का पति कमाने की गरज से विदेश चला गया और पीड़िता पर उसके ससुर ने अपनी नजर गड़ा दी। आरोप है कि इसके बाद कामांध ससुर बहू को अपनी हवश का शिकार बनाने लगा। कुछ समय बाद पति जब विदेश से घर लौटा तो पीड़ित महिला के समझाने बुझाने पर कुछ समय तक उसे शोषण से मुक्ति मिली। पीड़िता के इसी बीच गर्भवती होने की बात ससुराल वालों को पता चली तो सभी ने विगत 27 सितंबर को जबरन दवा खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया। मजबूर होकर पीड़ित महिला ने आपबीती अपने मायके वालों को बताया। मायके वालों की मदद से रानी की सराय थाने में पीड़िता ने पति व ससुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पीड़ित महिला का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज करते समय वहां पिता और अन्य लोगों की उपस्थिति में वह पूरी बात पुलिस को नहीं बता सकी ऐसे में वह अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराना चाहती है लेकिन पुलिस अब इस मामले में हीलाहवाली कर रही है।इस मामले में अब यह देखना होगा कि पीड़ित पक्ष को अब न्याय किस स्तर पर मिल पाता है।