आजमगढ़ : संतोष जीवन का सबसे बड़ा धन- सर्वेश जी महाराज
By -Youth India Times
Friday, December 30, 20222 minute read
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हवन व भंडारे के साथ संपन्न शतचंडी महायज्ञ संपन्न रिपोर्ट: वेद प्रकाश सिंह लल्ला आजमगढ़। कलयुग में मानव जीवन के लिए संतोष ही उसका सबसे बड़ा धन है। संयम के साथ श्रद्धा और सबूरी रखने वाले इंसान के सामने पृथ्वी लोक पर कोई भी उतना सामर्थ्यवान नहीं। उक्त बातें शहर से सटे पठकौली गांव में आयोजित नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ एवं रामकथा के अंतिम दिन अपने प्रवचन के दौरान अयोध्या से पधारे संत सर्वेश जी महाराज ने कही।
श्रद्धालु श्रोताओं से खचाखच भरे पांडाल में आध्यात्म की गंगा में गोता लगा रहे लोगों को संबोधित करते हुए संत सर्वेश जी ने रामकथा के अंतिम पड़ाव में मतंग ऋषि के आश्रम में उनकी शिष्या शेवरी व राम मिलन का रोचक प्रसंग सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने राम- लक्ष्मण वन गमन के दौरान सुग्रीव व हनुमान के मिलन, बालि वध एवं रावण वध का वर्णन सुनाकर लोगों से पाप कर्मों से दूर रहने को कहा।
रामकथा के दौरान राम राज्याभिषेक की झांकी की प्रस्तुति ने श्रोताओं का मन मोह लिया। इस दौरान कड़ाके की ठंड के बीच जिले के महराजगंज क्षेत्र से प्रतिदिन अपनी बुजुर्ग माता को रामकथा का रसपान कराने के लिए आने वाले युवक को माला पहनाकर उन्हें श्रवण कुमार की उपाधि प्रदान करते हुए संत सर्वेश जी ने सम्मानित किया। रामकथा के अंतिम दिन भंवरनाथ श्रृंगार समिति के जयप्रकाश दूबे दीपू व उनके सहयोगियों द्वारा ओंकारेश्वर महादेव का फूल माला से किया गया भव्य श्रृंगार श्रद्धालुओं के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। रामकथा की अंतिम निशा में देर रात तक चले इस कार्यक्रम में श्रोतागण आध्यात्म के समुंदर में गोता लगाते रहे। शुक्रवार को सुबह शतचंडी महायज्ञ हवन पुर्णाहुति के उपरांत भण्डारे के साथ संपन्न हुई। इस महायज्ञ के यज्ञाचार्य आचार्य पंडित राजेश पाठक, मुख्य यजमान प्रमोद कुमार पाठक, जवाहरलाल पाठक, पंडित विनीत पाठक, शिवशंभू पाठक, रजनीश पाठक आदि रहे। देर शाम तक चले भंडारे में क्षेत्र के हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।