कोर्ट ने कथित शीतला माता को गुंडा घोषित किया

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छह माह के लिए खदेड़ा
पीलीभीत। पीलीभीत में लोगों की धार्मिक आस्था की आड़ में शीतला माता बनकर गुंडई करने वाला मैकूलाल उर्फ़ तुलसीराम उर्फ शीतला माता अब जनपद पीलीभीत की सीमा में नजर नहीं आएगा। अपर जिला मजिस्ट्रेट (न्यायिक) ने कथित शीतला माता को गुंडा घोषित कर दिया है। कथित शीतला माता को पीलीभीत जनपद की सीमा से छह माह के लिए निष्कासित कर दिया गया है। उसका लंबा आपराधिक इतिहास सामने आया है। अपर जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय के फैसले से बरखेड़ा क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। अपर जिला मजिस्ट्रेट (न्यायिक) सूरज यादव ने बुधवार को खुले न्यायालय में फैसला सुनाया। आदेश में कहा गया कि मैकूलाल उर्फ तुलसीराम पुत्र चुन्नीलाल किसान, निवासी ग्राम गाजीपुर कुण्डा, थाना बरखेड़ा, जिला पीलीभीत को निर्गत गुंडा अधिनियम का नोटिस 16 फरवरी 2021 की पुष्टि की जाती है। मैकूलाल को आगामी छह माह के लिए जनपद पीलीभीत की सीमा से निष्कासित किया जाता है। मैकूलाल उर्फ तुलसीराम पुत्र चुन्नीलाल के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक ने 26 दिसंबर 2020 को अपर जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय में दी आख्या में कहा कि अभियुक्त एक आपराधिक किस्म का व्यक्ति है। इस भय व आतंक से आम जनता काफी भयग्रस्त है। इसकी गुण्डा गर्दी के कारण थाना पर कोई भी व्यक्ति सूचना देने की हिम्मत नहीं करता है। अभियुक्त एक शातिर किस्म का अपराधी है। अभियुक्त अनुसूचित जाति के लोगों के साथ मारपीट, गाली गलौज जैसे अपराध कारित करता है। अभियुक्त के इस कृत्य से समाज में भय व आतंक का वातावरण बना हुआ है। अभियुक्त का स्वछन्द रहना साम्प्रदायिक सौहार्द व शान्तिपूर्ण वातावरण के हित में नहीं है। अभियुक्त का कृत्य उ॰प्र॰ गुण्डा नियन्त्रण (संशोधन) अधिनियम 2015 की धारा 2 खण्ड (ख)(3) के तहत दण्डनीय अपराध है। इसके कृत्यों से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त है। इसकी गतिविधियाँ आम जनता के लिए भयप्रद एवं हानिकारक हैं।

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