दो साल के बेटे का शव लेकर एसएसपी ऑफिस पहुंच गया सिपाही इटावा। पिता के कंधे पर पुत्र के शव से ज्यादा भारी कुछ भी नहीं होता बुधवार दोपहर पुलिस का एक जवान दो साल के बेटे का शव कंधे से लगाकर एसएसपी ऑफिस पहुंच गया। वह फूट-फूट कर रोते हुए एसएसपी से मिलने की फरियाद कर रहा था। अफसरों- कर्मियों ने वजह पूछी तो रोते हुए सिपाही ने बताया कि बीवी बीमार है। छुट्टी नहीं मिली। बेटे की देखरेख नहीं हो पाई। बच्चा घर से निकल गया। मोहल्ले में ही पानी से भरे गड्ढे में डूब गया। अब उसकी लाश साहब को दिखाने आया हूं। अफसरों ने उसे समझा कर किसी तरह घर भेजा। मथुरा निवासी सिपाही सोनू चौधरी वैदपुरा में तैनात है। वह एकता कॉलोनी में सपरिवार रहता है। पत्नी कविता 15 दिन से बीमार है। सोनू ने बताया, 'मैंने देखभाल के लिये छुट्टी मांगी थी, पर नहीं मिली। बुधवार दोपहर पत्नी बीमार पड़ी थी। हर्षित घर से बाहर निकल गया। जब मैं घर पहुंचा तो बच्चा नहीं था। आसपास तलाश की। मोहल्ले के लोग भी पहुंचे। करीब दो घंटे तलाश के बाद बच्चा पास में ही पानी से भरे गड्ढे में मिला। हम उसे अस्पताल ले गए पर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।' बेटे की मौत से व्यथित सोनू बेटे का शव कंधे से लगा कर रोता हुआ पैदल एसएसपी ऑफिस पहुंच गया। पहली नजर में लोग समझ ही नहीं सके कि उसकी गोद का बच्चा जीवित नहीं है। पुलिसकर्मियों के पूछने पर सोनू ने कहा, 'यह मेरा हर्षित नहीं उसकी लाश है।' यह सुनते ही हड़कंप मच गया । वह एसएसपी से मिलने की जिद करता रहा, पुलिसकर्मी उसे समझाते रहे। तब तक एसपी सिटी कपिलदेव भी पहुंच गए। सोनू ने उन्हें बताया कि पत्नी की बीमारी और बच्चे की देखरेख के लिए उसने छुट्टी का प्रार्थनापत्र सात जनवरी को एसपी सिटी को ही दिया था, लेकिन छुट्टी नहीं मिली। आज बेटे की मौत हो गयी। एसपी सिटी ने उसे सांत्वना देकर पुलिसकर्मियों संग घर भेजा। बिलखते हुए उसने बेटे का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान मौजूद पड़ोसियों, पुलिसकर्मियों की आंखें छलक पड़ीं। इटावा एसएसपी जय प्रकाश सिंह ने बताया, दुखद घटना है। जब बच्चा घर से निकल कर गड्ढे में गिरा, उस वक्त सिपाही घर पर ही था। दुखी सिपाही बच्चे का शव लेकर कार्यालय पहुंच गया था। वह दिसंबर में दो मर्तबा छुट्टी पर गया था। उसने छुट्टी का प्रार्थनापत्र दिया होगा। छुट्टी क्यों नहीं मिल सकी, इसकी जांच कराएंगे।