बेटे के फर्म के नाम आवंटित कराई पांच करोड़ की धनराशि प्रतापगढ़। जिले में बेल्हा के बेखौफ अफसरों पर शासन का आदेश भी बेअसर रहता है, इसकी ताजा मिसाल एडीओ पंचायत संडवा चन्द्रिका हैं। एक वर्ष पहले सदर विकास खंड में तैनात रहने के दौरान एडीओ पंचायत ने अपने बेटे के नाम पर फर्म बनाई और करीब पांच करोड़ रुपये का कार्य आवंटित कर धनराशि भुगतान करा दी। ऑनलाइन मानीटरिंग में इसका खुलासा होने के बाद से अफसरों में हड़कंप है। शासन का सख्त आदेश है कि ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले विकास कार्य अथवा किसी तरह की सामग्री आपूर्ति की जिम्मेदारी किसी अफसर अथवा जनप्रतिनिधि के रिश्तेदार अथवा उसकी फर्म से नहीं कराया जाएगा। इस आदेश को दरकिनार कर सदर विकास खंड में एक वर्ष पहले तक तैनात रहे एडीओ पंचायत उमेश द्विवेदी ने अपने बेटे प्रतीक द्विवेदी के नाम पर प्रतीक इंटर प्राइजेज नाम की फर्म बनाई और पांच करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करा लिया। इसमें चिलबिला के कवर्ड नाला निर्माण के नाम पर तीन बार में 13-13 लाख रुपये, चकबनतोड़, सिपाह महेरी, इशीपुर ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी भवन निर्माण, पूरे माधव सिंह सहित आधा दर्जन ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण, गड़ई चकदेइया सहित आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण की धनराशि शामिल है। ऑनलाइन मानीटरिंग में इसका खुलासा होने के बाद से अफसरों में हड़कंप है। इस बाबत एडीओ पंचायत उमेश द्विवेदी ने कहा कि यह आदेश वर्ष 2022 में आया है जबकि बेटे की फर्म के नाम पर भुगतान इससे पूर्व का है। डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि एडीओ पंचायत के बेटे की फर्म पर किए गए भुगतान का प्रकरण संज्ञान में है। असलियत खंगाली जा रही है, यदि नियम विरुद्ध भुगतान हुआ है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।