व्हाट्सएप स्टेटस पर लिख युवक ने खुद को मारी गोली लखनऊ। लखनऊ के त्रिवेणी तृतीय इलाके में देर रात निजी बैंक के रिकवरी एजेंट अजय कुमार सिंह (24) ने पिता की लाइसेंसी बंदूक (डबल बैरल) से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। शुक्रवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिवारीजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने बैंक अफसरों व कर्मचारियों पर आत्महत्या दुष्प्रेरण की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है। मूलरूप से उन्नाव के मौरांवा निवासी जितेंद्र कुमार सिंह त्रिवेणीनगर तृतीय में रहते हैं। बेटा अजय कुमार कोटक महिंद्रा बैंक की सप्रू मार्ग शाखा में रिकवरी एजेंट था। जितेंद्र के मुताबिक, बृहस्पतिवार रात करीब 11 बजे अजय कमरे में चला गया था। करीब एक घंटे बाद कमरे से गोली चलने की आवाज आई। जब परिजन पहुंचे तो देखा कि खून से लथपथ अजय पड़ा था। आनन-फानन उसे ट्रॉमा सेंटर ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो कई अहम तथ्य सामने आए। अजय काफी समय से परेशान चल रहा था। ये बात उसके व्हाट्सएप स्टेटस से पता चली। सुसाइड से कुछ समय पहले ही उसने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा था...आई एम लूजर...आई फिनिश्ड माई सेल्फ...। इसके कुछ दिन पहले उसने स्टेटस पर लिखा था...कल हो न हो..। इससे स्पष्ट है कि वह मानसिक तनाव में था। खुदकुशी की वजह भी यही है। तनाव की वजह अब पुलिस तलाश रही है। अगर आरोपी बैंक कर्मियों के खिलाफ सुबूत मिलते हैं तो कार्रवाई होगी। अजय के पिता जितेंद्र व मां केश कली हैं। उसकी तीन बहनें हैं। वह इकलौता लड़का था। अजय की मौत से पूरा परिवार स्तब्ध है। परिजन बेसुध हैं, उन्हें हादसे पर यकीन नहीं हो रहा है। परिजनों का कहना है कि वह ये समझ ही नहीं पाए कि अजय के मन में खुदकुशी जैसा कुछ चल रहा है। अगर जरा सा भी एहसास होता तो किसी भी तरह से उसे बचाते। बेटे की मौत से जितेंद्र स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि ये आभास था कि काम को लेकर अजय कुछ दिनों से परेशान था। हालांकि उसने कहा था कि सब ठीक हो जाएगा। गुरुवार को भी वह दफ्तर गया था। वापस आया तो कुछ ज्यादा बोला नहीं। रात को सोने के लिए कमरे में चला गया था। वहीं पर खुद को गोली मार ली। जितेंद्र ने कहा कि दफ्तर के तनाव में मेरा बेटा जिंदगी हार गया।