नए साल में पहला दिन जब गिर गया जुर्माना वसूली का ग्राफ रिपोर्ट : वेद प्रकाश सिंह लल्ला आजमगढ़। यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने के फेर में पड़े पुलिस विभाग ने जो गणित बैठाया उसमें यातायात संबंधी विषयों के लिए जिम्मेदार विभाग भी वो नहीं कर सका जितना योगी जी की सरकार में पुलिस विभाग ने कर दिखाया। अपराध की घटनाओं पर नकेल भले न कस पाती लेकिन सड़कों पर बेपरवाह होकर या फिर मजबूरी में वाहनों का गलत तरीके से संचालन करने वालों पर जो तिकड़म बैठता है उसके बहाने ई- चालान कर सरकार को जुर्माना के रूप में अरबों रुपए की वसूली कर सरकारी खजाना भरने वाली पुलिस अब सरकार के लिए जर्सी गाय सरीखी हो गई है। अपराध पर अंकुश लगाने के साथ ही सड़क जाम,भीड़ हटाने तथा बैंक से रुपए निकाल कर उपभोक्ताओं को सुरक्षित उनके ठिकानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी खाकी वर्दी धारण किए पुलिस को ही संभालनी पड़ती है। कैसे और कौन से असंभव काम हैं जो हमारी पुलिस नहीं करती। फिर भी हम लोग सही बात समझाने वाली पुलिस को ही गैरजिम्मेदार ठहरा देते हैं। यदि जुर्माना से बचने के लिए चोरी छिपे कुछ नजराना या शुकराना खाकी वर्दी पहने जवान को पकड़ा भी दिए तो कई जगह पुलिस की बुराई करते हुए सरकार को भी कोसने से बाज नहीं आते। अब कोई अधिकारी पुलिस विभाग के यातायात प्रकोष्ठ में तैनात अधिकारियों से पूछे कि नए साल के पहले पखवाड़े में यानी नौ जनवरी को विभाग द्वारा वसूले गए शमन शुल्क (जुर्माना) में अचानक आई कमी की वजह क्या है तो इसका जवाब क्या हो सकता है। ऐसा तो है नहीं कि लोग दोपहिया या चारपहिया वाहन लेकर सड़कों पर नहीं चले। हम तो यही कहेंगे कि कंपकंपाती ठंड में जुर्माना वसूलने वाले भी हाड़ मांस से ही बने हैं। हां ठंड ने उन्हें भी नाकाम कर दिया। यदि ऐसे ही रहा तो पुलिस विभाग के इस अभियान से सरकार के खजाने में प्रतिमाह आने वाले राजस्व की कमी से प्रदेश के विकास का पहिया जरूर थम सकता है। जानते हैं सोमवार को पुलिस ने पूरे जनपद में 102 स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया और 2507 वाहनों को चेक करने के उपरांत मात्र 515 वाहनों का ई-चालान कर पाई। जबकि इसके पूर्व की स्थिति पर नजर डालें तो केवल अपने जिले में प्रतिदिन 500 से ज्यादा लोगों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने के उद्देश्य से करीब 600 से ज्यादा वाहन संचालकों से जुर्माना वसूल कर सरकार के खजाने को भरने का कार्य पुलिस महकमे का यातायात प्रकोष्ठ संभालता है। हम तो यही कहेंगे कि सूबे के विकास के लिए यातायात नियमों को बेमन से तोड़ कर सरकारी खजाना भरने में अपना अनमोल सहयोग प्रदान करने के लिए अनवरत यह कार्य करते रहे। भगवान आपको सद्बुद्धि दें।