143 स्वास्थ्य कर्मी होंगे बर्खास्त स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा बलिया। बलिया में स्वास्थ्य विभाग में फर्जी ढंग से नियुक्ति पाने वाले 143 स्वास्थ्य कर्मियों की बर्खास्तगी होगी। इनमें से 40 कर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू करने और 103 को सुनवाई का अंतिम अवसर देते हुए सेवा समाप्ति की संस्तुति की गई है। डीएम बलिया द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर निदेशक प्रशासन डा. राजागणपति आर. ने प्रमुख सचिव को भेजी रिपोर्ट में तत्कालीन दो सीएमओ और पटल सहायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी संस्तुति की है। मीरजापुर में 64 स्वास्थ्यकर्मियों की फर्जी नियुक्ति प्रकरण के बाद अब बलिया का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बलिया के सीएमओ कार्यालय द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नौकरियां रेवड़ियों की तरह बांटी गई। भर्ती पर रोक संबंधी शासन के आदेशों को भी ताक पर रख दिया गया। मोटा लेनदेन कर फर्जीवाड़े से पहले नियुक्ति की गईं, फिर उन्हें तैनाती भी दे दी गईं। सभी कर्मियों की सेवा पुस्तिका भी बना दी गई। तब से लगातार उन्हें वेतन भुगतान किया जा रहा है। जांच हुई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच समिति को 143 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति के मूल अभिलेख ही नहीं मिले। फर्जीवाड़े के साक्ष्य मिटाने को वर्ष 2015 से पहले के सभी डिस्पैच रजिस्टर भी सीएमओ कार्यालय से गायब कर दिए गए। कोई भी कर्मचारी मूल नियुक्ति पत्र नहीं दिखा सका। सभी ने केवल फोटोकॉपी ही दी। उन पर पड़ा डिस्पैच नंबर, कार्यालय में मौजूद रजिस्टरों में मिला ही नहीं। समिति ने उसके फर्जी होने की संभावना जताई है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ सितंबर 2010 को शासनादेश के जरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। केवल आउटसोर्सिंग के जरिए ही कर्मचारी रखने के आदेश शासन ने दिए थे, मगर बलिया के तत्कालीन दो सीएमओ और स्थापना लिपिक ने शासनादेश को ताक पर रखकर 103 नियुक्तियां कर डालीं। रिपोर्ट के अनुसार ऐसे चार कर्मियों का योगदान देकर तैनात करने के लिए तत्कालीन सीएमओ प्रदीप कुमार सिंह व पटल सहायक दयाशंकर वर्मा को दोषी ठहराया गया है। जबकि ऐसे 99 कर्मियों को तैनाती देने का दोषी तत्कालीन सीएमओ प्रमोद कुमार सिंह व पटल सहायक दयाशंकर वर्मा को बताया गया है। इन तीनों ही के खिलाफ निदेशक प्रशासन ने एफआईआर कराने की संस्तुति शासन से की है। बलिया में हुई करीब 350 भर्तियों में फर्जीवाड़ा और करोड़ों का लेनदेन किए जाने की शिकायत राजेश सिंह नामक व्यक्ति ने की थी। इस संबंध में निदेशक प्रशासन ने मुख्य विकास अधिकारी को जांच कराने के निर्देश दिए गए थे। मामले की जांच के लिए डीएम बलिया द्वारा नगर मजिस्ट्रेट, जिला विकास अधिकारी, वरिष्ठ कोषाधिकारी व वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा की समिति गठित की गई। समिति ने जांच में 143 कर्मियों की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए गए हैं। शासनादेश के विरुद्ध की गई 103 स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा समाप्त करने और 40 के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की अनुमति मांगी गई है।