चित्रकूट। चित्रकूट जिला जेल रगौली को प्रदेश सरकार सबसे सुरक्षित मानकर बाहुबली और माफियाओं को यहां भेजती है, लेकिन इस प्रकरण ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी कई दिनों से पत्नी के घर की तरह रह रहा था। शुक्रवार की शाम को जिला प्रशासन को इसकी भनक लगी तो डीएम एसपी ने संयुक्त रूप से छापा मारा। प्रशासन का दावा है कि विधायक बैरक में नहीं था। जिस अधिकारी के कमरे में उसकी पत्नी मिली, उसमें भी वह नहीं मिला। बताया जाता है कि छापे की भनक लगते ही कुछ देर पहले ही वह कमरे से सिपाही की मदद से बाहर आ गया था। जिस कमरे में विधायक की पत्नी थी, उसमें बाहर से ताला लगा था। सूत्रों की मानें तो यह कई दिनों से चल रहा था। शासन ने सुरक्षा की दृष्टि से विधायक अब्बास अंसारी को उसके गृह जनपद मऊ से लगभग 400 किलोमीटर दूर रगौली जेल में रखा है, जिससे जेल में उससे ज्यादा लोग न मिल सकें। किसी तरह की अशांति न होने पाए। इसके बाद भी आए दिन उनसे मिलने कोई न कोई आता था। इनकी रिकार्ड में लिखित रूप से मिलाई होती थी। निखत बानो जेल के अंदर आकर रिश्तेदारों से विधायक की मोबाइल फोन से बात भी कराती थी। आरोप है कि यहीं से जेल से पति को भगाने और कई लोगों से रंगदारी वसूली की धमकी भी दिलाई जाती थी। विधायक की पत्नी ही एक हफ्ते से जेल में मिलाई करने जाती थी, लेकिन आगंतुक रजिस्टर में उसका नाम दर्ज नहीं है। हैरत की बात यह है कि आए दिन निरीक्षण करने वाले अफसरों को भी इसकी भनक नहीं लगी। शुक्रवार को जब पोल खुली तो प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और जेल के अंदर जाकर मामले का खुलासा किया। जेल के रजिस्टर व अन्य सामग्री को डीआईजी जेल शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने कब्जे में लिया है।