अखिलेश और भाजपा के पूर्व विधायक संग तस्वीर वायरल प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता सदाकत खान का समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में सदाकत खान अखिलेश यादव से हाथ मिलाते हुए दिखाई दे रहा है। दोनों के साथ में सपा की पूर्व प्रवक्ता और इलाहाबाद विवि की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह भी खड़ी दिखाई दे रही हैं। दरअसल, उमेश पाल हत्याकांड में गिरफ्तार हाईकोर्ट के अधिवक्ता सदाकत खान का समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ उसकी फोटो सामने आई है। एक ग्रुप फोटो में वह अखिलेश यादव के साथ हाथ मिलाता दिखाई दे रहा है। सदाकत खान की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया में यह फोटो अब वायरल हो रही है। अमर उजाला इस तस्वीर की पुष्टि नहीं करता है। इसके अलावा सदाकत के भाजपा नेता उदयभान करवरिया के साथ एक फोटो भी वायरल हो रही है। सदाकत खान इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कौमी एकता छात्र संगठन से चुनाव लड़ चुका है। सदाकत खान अतीक अहमद परिवार का करीबी है। दरअसल, उमेश पाल हत्याकांड की प्लानिंग इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक युवा वकील सदाकत के कमरे में बनी थी। इस वकील को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया है। सूबे की सरकार में कोहराम मचा देने वाले इस दोहरे हत्याकांड में यूपी एसटीएफ ने जिन 12 लोगों को अपनी टॉप-10 सूची में नामजद किया है, उनमें से गिरफ्तार किया जा चुका वकील भी एक है। बाकी 11 मोस्ट वॉन्टेड में से दो भाई जेल में बंद हैं। इनमें एक यूपी का माफिया अतीक अहमद और दूसरा उसका भाई अशरफ है। अतीक अहमद अभी अहमदाबाद जेल में कैद है। जबकि उसका भाई और उमेश पाल हत्याकांड का मोस्ट वॉन्टेड अशरफ यूपी की बरेली सेंट्रल जेल में कैद है। इन तमाम तथ्यों की पुष्टि यूपी पुलिस एसटीएफ प्रमुख और अपर पुलिस महानिदेशक, आईपीएस अमिताभ यश ने सोमवार दोपहर बाद विशेष बातचीत में की। अमिताभ यश के मुताबिक, प्रयागराज में अंजाम दिए गए उमेश पाल दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में से एक षड्यंत्रकारी को गिरफ्तार किया गया है। इसे गोरखपुर से पकड़ा गया है। गिरफ्तार षड्यंत्रकारी का नाम सदाकत (25) है। सदाकत पेशे से इलाहाबाद हाई कोर्ट का वकील है। उससे पूछताछ में पता चला है कि हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस से ज्यादा उसका अपराधियों के साथ उठना बैठना था। उमेश पाल हत्याकांड की योजना को अंतिम रूप दिए जाने के दूसरे दौर की तमाम अहम बैठकें इसी सदाकत के कमरे पर हुई थीं। यह कमरा सदाकत ने प्रयागराज स्थित मुस्लिम हॉस्टल में ले रखा था। मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल के कमरा नंबर 36 पर सदाकत का दो साल से अवैध कब्जा था। कुछ महीने पहले हॉस्टल में अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई की गई थी। उस दौरान जिन सात कमरों को सील किया गया था, उनमें सदाकत का कमरा भी शामिल था। हालांकि, कार्रवाई के कुछ दिनों बाद ही पांच कमरों के ताले तोड़ दिए गए थे, जिनमें कमरा नंबर 36, 65, 72, 98 38 और 101 शामिल थे। ताला टूटने के बाद सदाकत का कमरा नंबर 36 पर फिर से अवैध कब्जा हो गया था। सदाकत ने दो साल पहले सीएमपी डिग्री कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।