स्वामी प्रसाद मौर्य और मायावती को लिया निशाने पर लखनऊ। रामचरित मानस विवाद के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों को लेकर यूपी में सियासत गर्म है। इस बीच उन पर सपा के अंदर से भी सवाल उठने लगे हैं। ताजा सवाल सपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू से सपा विधायक पल्लवी पटेल ने उठाया है। कल स्वामी ने अलग-अलग दो ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव के हटने के बाद मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाने का भी मुद्दा उठाया था। अब पल्लवी पटेल ने इसे देर से दिया गया बयान करार दिया है। पल्लवी ने कहा कि 2017 में भाजपा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाने का विरोध स्वामी प्रसाद मौर्य को उसी समय करना चाहिए था। वह उस सरकार में मंत्री थे। उस वक्त तो वह खुद बीजेपी के साथ थे। यदि उन्हें इतना बुरा लगा तो नैतिकता के आधार पर पार्टी का साथ उसी समय छोड़ देना चाहिए था। पल्लवी पटेल ने यह भी कहा कि रामचरितमानस की चौपाई में लिखा है ताड़ना के अधिकारी, मैं एक नारी हूं और हिम्मत है तो कोई मेरी ताड़ना करके दिखा तो दे। पल्लवी ने कहा कि यदि आपमें शक्ति है तो लिखी हुई बातें आप कभी भी गलत साबित कर सकते हैं। मैं भले स्त्री हूं लेकिन ताड़ना करने का अधिकार, हिम्मत कोई नहीं रखता है। पल्लवी पटेल ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती के ट्वीट को लेकर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वह जिस गेस्ट हाउस कांड की बात कर रही हैं उस पर तब कार्रवाई क्यों नहीं की जब भाजपा का साथ लेकर उन्होंने पूरी सरकार चलाई? वह देश की एक मजबूत राजनीतिज्ञ है और उनकी बात उसी तरह होनी चाहिए। सिराथू विधायक ने कहा कि हम अपनी पार्टी लेकर चल रहे हैं। हमारी अपनी एक विचारधारा है। हमारे नेतृत्व की अपनी एक सोच है लेकिन जब हम गठबंधन आते हैं तो उसके कुछ शिष्टाचार होते हैं। कुछ नियम होते हैं। गठबंधन में शामिल हर पार्टी को उसका पालन करना होता है। पल्लवी पटेल ने कहा कि आज देश में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ सुविधाओं की बात होनी चाहिए।