अपात्रों का दिए गए आवास, बिना छत के ही करा दिया गृहप्रवेश रिपोर्ट-आरपी सिंह आजमगढ़। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्रों का चयन कर आवास आवंटन प्रक्रिया में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते जमकर पैसों का खेल चल रहा है। फूलपुर विकास खण्ड क्षेत्र के कई गांवों में अपात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास का आवंटन किया जाना एक बानगी भर है। कई जगह ग्रामीणों की शिकायत पर अपात्र मिले लोगों से आवंटित धन को वापस भी कराना पड़ गया। हैरान करने वाली बात यह कि कुछ लोगों को मिले आवास का छत लदे बिना ही गृह प्रवेश कराकर इस योजना की इतिश्री कर ली गयी। फूलपुर तहसील क्षेत्र में ग्राम पंचायत सुदनीपुर के राजस्व गांव चकनूरी के हरिश्चंद्र पुत्र दशरथ और शकीला पत्नी सुल्तान ने मुख्य विकास अधिकारी से लेकर आइजीआरएस पर आवास आवंटन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शिकायत की है। शिकायतकर्ता हरिश्चंद्र ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री आवास सूची में मेरा नाम अंकित था। क्षेत्रीय ग्राम विकास अधिकारी द्वारा आवास आवंटन के नाम पर हमसे 10 हजार की मांग की गई। पैसा देने में असमर्थता जताने पर मेरा नाम आवास सूची से काटकर हमें अपात्र घोषित कर दिया गया। वहीं कई अपात्र व्यक्तियों से धन उगाही कर उन्हें आवास आवंटित कर दिया गया। वहीं वर्ष 2018 में शहजेरपुर में कुसुम को प्रधानमंत्री आवास दिया गया, जो ब्लाक के रोजगार सेवक मानदेय प्राप्त संविदा कर्मी हैं। इसी प्रकार ब्लाक के संग्रामपुर ग्रामसभा में रजिस्टर्ड अधिवक्ता को आवास व पशू शेड का लाभ दिया गया। इस मामले में ग्रामीणों की शिकायत पर अपात्र मिले व्यक्ति से आवास का पैसा वापस कराया गया। जबकि कतरा नूरपुर में वनवासियों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित किया गया लेकिन आवास की छत नहीं लगी और कागजों पर पात्र लोगों का गृहप्रवेश भी करा दिया गया। सुदनीपुर में वनवासियों को आवंटित आवास की अभी तक छत नहीं बन सकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि पूरे ब्लाक क्षेत्र में अपात्रों से पैसा लेकर उन्हें आवास आवंटन का लाभ दिया गया है। इस सम्बंध में फूलपुर के खण्ड विकास अधिकारी बाबूराम पाल द्वारा बताया गया सुदनीपुर निवासी हरिश्चन्द का शिकायती पत्र मिला है,जिसकी जांच कराई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद जो सामने आएगा उसी हिसाब से कार्यवाही की जाएगी।