अखिलेश ने दो महिला सपा नेताओं को पार्टी से किया बाहर

Youth India Times
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने अपनी लाइन साफ कर दी है। पार्टी महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ अखिलेश यादव खुलकर खड़े हैं, यह साफ हो गया है। दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का विरोध करने वाली दो महिला नेताओं को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। समाजवादी पार्टी की ओर से रोली तिवारी मिश्रा को और ऋचा सिंह को बाहर कर दिया गया है। पार्टी से दोनों नेताओं को निकाल दिया गया है। दरअसल, रोली मिश्रा और ऋचा सिंह सोशल मीडिया पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का लगातार विरोध कर रही थीं। उनका हमला पार्टी को नागवार गुजरा। माना गया कि दोनों नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमले के जरिए सीधे समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। इसी मामले में कार्रवाई हो गई। इन दोनों नेताओं पर कार्रवाई के जरिए पार्टी ने साफ कर दिया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के खिलाफ अगर पार्टी में कोई अलग ध्रुव दिखा तो उस पर कार्रवाई होगी। वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य को साफ संदेश है कि वे अपने अभियान में लगे रहें। पार्टी के भीतर से उनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठेगी।
ऋचा सिंह समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता रह चुकी हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन की पहली महिला इलेक्टेड प्रेसिडेंट रह चुकी हैं। छात्र राजनीति के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी के जरिए अपनी राजनीति को आगे बढ़ाया। पार्टी की ओर से उन्हें इलाहाबाद वेस्ट विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी बनाया गया था। डिफिल कर चुकीं डॉ. ऋचा ने पिछले दिनों अखिलेश यादव को टैग करते हुए तीखा तंज कसा था। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि समाजवाद के ध्वजवाहक डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि महिलाओं की कोई जाति नहीं होती। महिलाएं वंचित समाज से सरोकार रखती हैं। लेकिन, वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी में महिलाओं की जाति देखकर उन पर अपशब्द बोलने का ट्रेंड बन गया है। लोहिया जी का समाजवाद तो यह नहीं हो सकता।
वहीं, गुरुवार को ऋचा सिंह ने ट्वीट कर रामचरितमानस पर टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि मात्र अपना और अपने परिवार के कल्याण तक सीमित स्वघोषित सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते दिख रहे हैं। स्वामी मौर्य को अवसरवादी करार देते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे महिलाओं के लिए मुख्यधारा की राजनीति, समाज में बराबर की सहभगिता, परिवर्तन के लिए कभी प्रयास किया होता, तो बेहतर होगा। ऋचा ने तंज कसते हुए कहा कि अगर स्वामी प्रसाद मौर्य वंचित समाज के लिए रोजगार, छात्रवृत्ति जैसे मुद्दे पर जन आंदोलन करते तो बेहतर होता।

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