तिहरे हत्याकांड में परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप बदायूं। बदायूं के जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव आरिफपुर भगता नगला में हुए तिहरे हत्याकांड में कहीं न कहीं पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है। थाने से लेकर नाधा चौकी तक में तैनात पुलिसकर्मियों पर भले ही कार्रवाई न की गई हो लेकिन इतनी बड़ी वारदात के बाद उनकी कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। सबसे ज्यादा गुस्सा महीपाल पक्ष में है, क्योंकि इस पक्ष से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। खूनी संघर्ष में घायल हरिओम की मौत के बाद महीपाल पक्ष का गुस्सा पुलिस पर फूट रहा है। उनका कहना है कि पुलिस चाहती तो इतनी लाशें नहीं बिछतीं। महीपाल और अमर सिंह पक्ष के बीच काफी समय से रंजिश चल रही थी। ऐसा नहीं है कि पुलिस इससे बेखबर थी। जानकारी पुलिस को थी लेकिन वह किसी के मंसूबे को नहीं भांप पाई। पुलिस की यही लापरवाही खूनी संघर्ष के बाद सामने आ रही है। वारदात में महीपाल पक्ष के दो लोगों की मौके पर ही मौत हुई थी तो तीसरा हरिओम घायल था। सोमवार को हरिओम की भी मौत हुई तो महीपाल पक्ष के गुस्सा बाहर आया। सोमवार को पोस्टमार्टम हाउस पर मिले महीपाल पक्ष के धर्मपाल, रिश्तेदार रेशमपाल आदि ने खुलकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि जब मारपीट शुरू हुई थी तो हरिओम ने पुलिस को फोन कर सूचना दे दी थी। पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तमाशबीन बनी रही। पुलिस की मौजूदगी में ही खूनी संघर्ष हुआ। हरिओम की मौत के बाद महीपाल पक्ष की हरिका ने कहा कि वे लोग तो खेत पर खाद लगाने गए थे। इस बीच अमर सिंह पक्ष ने घेराबंदी कर ली। काफी देर तक वह हम लोगों को घेरे रहे, हमने वहां से निकलने की कोशिश भी की, लेकिन उन्होंने चारों ओर से घेराबंदी कर ली थी। इस बीच पुलिस भी आ चुकी थी, पुलिस के आने के बाद ही फायरिंग शुरू हुई। खूनी संघर्ष की शुरुआत दोनों पक्षों की ओर से गालीगलौज से हुई। गालीगलौज के साथ ही दोनों ओर से मारपीट और गोलीबारी हुई। हरिओम की मौत के बाद वायरल हुए वीडियो में हरिओम कह रहा था कि सभी शांत हो जाओ पुलिस को फोन कर रहे हैं। इसके कुछ समय बाद फायरिंग होने लगी। हरिओम पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना चुका था, इस पर दूसरे पक्ष ने लाठी-डंडों से पीटने के बाद उसके सिर में गोली मार दी।