इसी जेल में दो साल पहले हुआ था खूनी खेल

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मुख्तार के गुर्गे ने की थी वारदात, ताबड़तोड़ गोलीबारी में मारे गए थे 3 शूटर
चित्रकूट। चित्रकूट जिले की रगौली जेल में दो साल पहले जेल के अंदर ही 14 मई को गैंगवार की घटना में बाहुबली जेल में बंद मुख्तार अंसारी गैंग के तीन अपराधी एक साथ मारे गए थे। जिसमें मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा मुकीम काला व मेराज अहमद सहित अंशू दीक्षित मारा गया था। घटना के बाद प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। इस घटना के बाद ही जेल के अंदर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के बाद नये जेलर सहित अन्य अधिकारियों की तैनाती कर दी गई थी। इसके बाद अब दूसरी घटना हो जाने से एक बार फिर से रगौली जेल सुर्खियों में आ गई। रगौली जेल के अंदर बंद अपराधी अंशु दीक्षित ने विदेशी पिस्टल से मुख्तार अंसारी के गुर्गे मुकीम काला सहित मिराज अहमद को गोलियों से जेल के अंदर दिन दहाड़े भून दिया था। इस घटना की जानकारी होते ही पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल के नेतृत्व में घेराबंदी कर पुलिसकर्मियों ने अंशू को भी मार गिराया था। इसके बाद से रगोली जेल सुरर्खियों आ गई थी।
घटना के बाद से सवाल उठाए गए थे आखिकरकार अंशु के पास कहां से ये पिस्टल पहुंच गई थी। इतनी फोर्स होने के बाद भी उसने यह खौफनाक कारनामा दिखा दिया। जिला जेल बनने के बाद यहां कई माननीय और माफियाओं को बंद किया गया। बाहुबली भदोही विधायक विजय मिश्रा व मेरठ जिले के विधायक नाहिद हसन भी इसी जेल के अंदर रहे हैं। जिनसे मिलने के लिए उनके परिवार के सदस्य आते थे। सपा के पूर्व विधायक व ददुआ डाकू के पुत्र वीर सिंह पटेल भी इसी जेल में रहे। इसके बाद विधायक अब्बास अंसारी को इसी जेल में भेजा गया। जहां उनकी पत्नी जेल के अंदर ही अक्सर आकर आराम से उसके साथ रहती थी। इस बात का पता लगते ही एक बार फिर से रगौली जेल सुर्खियों में आ गई।

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