मऊ : जनपद मऊ बुनकरों का मैनचेस्टर कहा जाने वाला नगर आज दर दर की ठोकर खा रहा है-रफीक अंसारी
By -
Tuesday, March 14, 2023
0
आजाद ग्राउंड डोमनपुरा मऊ के मैदान में भव्य बुनकर सम्मेलन संपन्न हुआ
मीटिंग के माध्यम से आम बुनकरों की राय है कि जिस तरह किसान को किसान सम्मान निधि किसान दुर्घटना बीमा आदि दिया जाता है उसी तरह बुनकर को भी संसाधन एवं राहत मुहैया कराया जाए राज्य सरकारें और केंद्र सरकारें आज तक कभी इन पर विचार नहीं किया पूर्व में समाजवादी पार्टी के संरक्षक रहे पूर्व मुख्यमंत्री माननीय मुलायम सिंह यादव ने उनके दर्द को समझा उन्होंने देखा कि पुरा परिवार रात दिन मिलकर जो साड़ी तैयार करता है उसके कमाई से बिजली का बिल नहीं भर सकता माननीय नेता जी ने बुनकरों के लिए फ्लैट रेट पर बिजली 72 की दर पर देने का काम किया जिसको आज तक की सरकारों ने बनाए रखा लेकिन जैसे ही भाजपा की सरकार आई नफरत की भावना लिए हुए इन बुनकरों के फ्लैट रेट की सुविधा को तत्काल प्रभाव से रोक देने का काम किया जिसके प्रभाव से बुनकरों के घर मे लगे लूम बिजली के बढ़ते दाम के चलते बंद करना पड़ा आज उनका लूम बंद है फिर भी उनके ऊपर लाखों लाखों बिजली का बिल बकाया है सरकार ने उनको आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है आज बुनकर की हालत यह हो गई है कि वह दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहा है उसके लिए हाथ द्वारा चलाया जाने वाला लूम वही खेती है जिसको सरकार की उदासीनता के चलते बंद होने के कगार पर है आज बुनकर अपनी मांग को लेकर जिस उत्साह से आज बड़े स्वरूप में बुनकर सम्मेलन कर अपनी ताकत दिखाया है अगर यह बुनकर जरूरत पड़ी उत्तर प्रदेश की विधानसभा घेरने एवं जंतर मंतर पर धरना देने के लिए तैयार रहेगा मैं उत्तर प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार से मांग करता हूं कि जिस तरह से किसानों को पीड़ा को सरकार देखती है उसी तरह बुनकरों की पीड़ा को भी सरकार समझे और उसके लिए जो संभव उपाय हो वह करें इसके लिए यहां के बुनकर मोर्चा से मैं कहना चाहूंगा कि एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी के माध्यम से अपना ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को भेजें जिसको सदन में यह बात रखी जा सके।बुनकर सम्मेलन को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व प्रत्याशी श्री अल्ताफ अंसारी ने काकी मऊ का बुनकर जो साड़ियां बनता है वह पूरे भारत में वन क्लास की साड़ियां होती है इनके द्वारा बोले गए कपड़ों को हिंदुस्तान के बाजार में मऊ एवं बनारसी साड़ी के नाम से ऊंचे दामों में बेचा जाता है जिस से मऊ का नाम गर्व से लिया जाता है लेकिन जो साड़ियां इतनी महंगी और महान भाव को भेंट की जाती है उसको बुनने वाला कारीगर बोलने वाला के बुनाई के दाम वाजिब नहीं मिल पाता सरकार की उदासीनता के चलते उनके बनाए गए कपड़े ठप पड़े हुए हैं उनको बाजार को सप्लाई करने एवं बेचने के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया जबकि जो साड़ियां उनके द्वारा तैयार की जाती है और जब बंडल बनता है तो सबसे पहले सबसे ज्यादा टैक्स मऊ के बुनकर द्वारा प्रदेश के मैं नंबर वन पर दिया जाता है जिसे प्रदेश के आर्थिक व्यवस्था में इन बुनकरों का बहुत बड़ा योगदान होता है लेकिन फिर भी सरकार ने कभी इन पर ध्यान नहीं दिया आज मऊ का बुनकर सड़कों पर उतरा है और यह दिखा रहा है कि हम कितने व्यवस्था और लाचार हैं जरूरत पड़ी तो हम किसी भी स्तर पर धरना प्रदर्शन आदि करने पर बाध्य होंगे हमारी आबादी किसानों की आबादी से के बराबर है फिर भी हमें सम्मान के नजर से कभी नहीं देखा गया हम लोग बैठक के माध्यम से चाहते हैं कि हम लोगों की आवाज लखनऊ और दिल्ली की सरकार के कानों में पड़े और हमारी मांगों पर विचार हो। बुनकर सम्मेलन को समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं नगर पालिका मऊ के पूर्व चेयरमैन श्री अरशद जमाल अंसारी ने कहा कि मऊ का बुनकर के द्वारा बनाई गई वस्त्रों पर जो सरकार जीएसटी लेती है अगर वह टैक्स के बराबर भी अगर इन पर ध्यान देती तो आज बुनकर की हालात यह नहीं होती। मऊ के बुनकरों का परिवार की जीविका हैंडलूम पावर लूम पर आधारित है। पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल ने प्रस्ताव पर सहमति देते हुए 4 प्रस्ताव रखे जिसमे बंकरों के बिल में बकाया समाप्त करने, छोटे बुनकरों (5 किलोवाट तक) को फ्लेट रेट पर विद्युत देने, बुनकरों को स्वस्थ व्यवस्था उपलब्ध कराने, बुनकरों को लाल कार्ड की सुविधा देने जैसे बिंदु पर बात रखी। उन्होंने कहा के जो बकाया आराहा है वो सरकार के नाम है न के बुनकरों के नाम है।
Tags: