उमेश पाल हत्याकाण्ड में बड़ी कार्रवाई

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शूटरों के मददगार सीओ का तबादला, थानाध्यक्ष व चौकी प्रभारी सस्पेंड
कौशांबी। उमेश पाल की हत्या कर फरार शूटरों की मदद करना सीओ चायल समेत थानाध्यक्ष व चौकी प्रभारी को भारी पड़ा। एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने सीओ चायल का जहां आंकिक शाखा में तबादला किया। वहीं, थानाध्यक्ष संदीपनघाट व हर्रायपुर चौकी प्रभारी को सस्पेंड कर दिया। माना जा रहा है कि बसेढ़ी गांव में माफिया अतीक के बहनोई की जो कार लावारिस हालत में मिली थी, उसी से शूटर मेरठ के लिए भागे थे। पुलिस कार बरामद होने के बाद सप्ताह भर तक मामले को छिपाए रही। बाद में लावारिस में दाखिल कर कार्रवाई से इतिश्री कर ली।
24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल व उनके दो सरकारी सुरक्षा कर्मियों की हत्या कर दी गई थी। घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई थी। वारदात के बाद माफिया अतीक के शूटर अलग-अलग रास्तों से भागे थे। इस दौरान 28 फरवरी को संदीपनघाट कोतवाली के बसेढ़ी गांव के समीप एक लावारिस कार मिली। कार लॉक करके सवार भाग निकले थे। चर्चा रही कि कार का इस्तेमाल फरार होने के दौरान किया था।
स्थानीय लोगों की सूचना पर हर्रायपुर चौकी के प्रभारी केके यादव फोर्स के साथ पहुंचे और कार को चौकी उठा लाए। इस दौरान बसेढ़ी गांव के दो संदिग्ध लोग भी पुलिस अपने साथ ले गई। तीन दिन तक पकड़े गए लोगों को चौकी में बैठाए रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। छह मार्च को बरामद कार लावारिस में दाखिल कर दिया गया। कार का नंबर ट्रेस किया गया वह मेरठ निवासी अखलाक का निकला। पुलिस ने कार का नंबर ट्रेस होने के बाद मालिक के बाबत पता करना मुनासिब नहीं समझा। यहां तक की कार बरामद होने के बाद उसकी जानकारी अफसरों तक को नहीं दी गई। इस दौरान प्रयागराज एसटीएफ और सहारनपुर जिले के नौचंदी पुलिस की मदद से डॉ. अखलाक को गिरफ्तार किया। अखलाक माफिया अतीक का बहनोई है और वह मेरठ के अब्दुल्लापुर सीएचसी में चिकित्सक है। पुलिस सूत्रों की मानें तो अखलाक ने कुबूल किया कि कौशाम्बी के संदीपनघाट कोतवाली के बसेढ़ी गांव के समीप बरामद कार उसी की थी। कार में उसके साथ उमेश पाल हत्याकांड का शूटर गुड्डू मुस्लिम व दो अन्य शूटर थे। पुलिस ने उमर की तलाश में डॉ. अखलाक के घर पर दबिश दी, लेकिन वह कुछ देर पहले ही भाग चुका था। इस खुलासे के बाद एसपी ने सीओ चायल श्यामकांत को तत्काल प्रभाव से उन्हें वहां से हटा दिया। सीओ को क्षेत्राधिकारी आंकिक बनाया गया है। इसके अलावा संदीपन घाट थानाध्यक्ष राकेश राय व चौकी प्रभारी केके यादव को सस्पेंड कर दिया।
28 फरवरी को जब हर्रायपुर चौकी पुलिस ने कार बरामद किया तो गांव के मुन्ना मंसूरी समेत दो लोग पकड़े गए थे। चर्चा रही कि मुन्ना माफिया अतीक के घर पर बावर्ची का काम करता था। घटना वाले दिन वह भी कार में था। उसके साथ कार में पांच लाख का इनामियां शूटर गुड्डू मुस्लिम व उमर भी था। बसेढ़ी के पास अचानक कार में कुछ खराबी आ गई। इसके बाद गुड्डू व उमर रोडवेज बस से मेरठ रवाना हो गए। वह लोग कार बनवाकर उसे सहीं ठिकाने पर पहुंचाने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो इसकी जानकारी सीओ चायल से लेकर थानाध्यक्ष तक को थी। इसके बाद भी मुन्ना को छोड़ दिया गया। चर्चा रही कि मुन्ना को छोड़ने के एवज में पुलिस ने मोटी रकम भी वसूली थी। अगर पुलिस उसी दिन डॉ. अखलाक के घर दबिश देती तो शायद गुड्डू मुस्लिम व उमर पकड़े जा सकते थे।

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