आजमगढ़ : पुरखों की तलाश में आजमगढ़ पहुंचे अमेरिकी डेविड और लीना
By -Youth India Times
Wednesday, April 12, 2023
0
अपनों के बीच पहुंच हुए भावुक आजमगढ़। अगर इंसान चाह ले तो वह क्या नहीं कर सकता है। कोशिशें कामयाबी की ओर ले ही जाती हैं। ऐसी ही कहानी है अमेरिका में रहने वाले डेविड कैनन और उनकी पत्नी लीना की। डेविड बीते कई वर्षों से अपने पूर्वजों से मिलने के लिए तपस्या कर रहे थे। आखिरकार उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और पुरखों की धरती को तलाश करते हुए उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के सगड़ी तहसील क्षेत्र स्थित कर्मनाथ पट्टी गांव पहुंचे। डेविड अपने परिवार के लोगों से मिलकर भावुक हो गए। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरे लिए हमारे पूर्वजों की धरती किसी तीर्थ से कम नहीं है। परिवार के लोगों ने डेविड और लीना का फूल-मालाओं से स्वागत किया। दोनों को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ भी जुट गई। हिंदी नहीं बोल पाने वाले डेविड ने सभी का अभिवादन किया। सगड़ी तहसील क्षेत्र स्थित रौनापार थाना क्षेत्र के मारा कर्मनाथ पट्टी गांव में अपने पूर्वजों के घर जाने के लिए बुधवार सुबह करीब 10 बजे डेविड कैनन, लीना अपने सहयोगी आयुष जयपुर और संजय सिंह हीरापट्टी के साथ रौनापार थाना पहुंचे। वहां से उपनिरीक्षक मधुसूदन चौरसिया पुलिस के साथ लेकर उन्हें गांव पहुंचे। डेविड पुत्र डेविड रोस्टेड सुपरसेंट और उनके पिता रामप्रसाद और रामप्रसाद के पिता रामखेलावन को बताया जा रहा है। 1907 में रामखेलावन मौर्य पुत्र टहल निवासी ग्राम मारा कर्मनाथ पट्टी थाना रौनापार तहसील सगड़ी गिरगिटिया मजदूर के रूप में विदेश गए। वह कोलकाता से त्रिनिदाद और टोबैगो में रहे फिर अमेरिका गए। उनकी चौथी पीढ़ी के डेविड अपनी पत्नी लीना के साथ बुधवार को गांव आए। ग्राम प्रधान रामबचन यादव सहित ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों को बड़ी खुशी हुई है। ग्राम प्रधान ने बताया कि जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका गए थे तो वहीं डेविड की माता से मुलाकात एनआरआई के रूप में हुई थी। लेखपाल त्रिभुवन यादव ने बताया कि दो दिन से राम खेलावन मौर्य के जमीन और निवास की तलाश की जा रही थी। 1901 के दस्तावेज से इनका नाम मिला और अगल-बगल के नामों से मिलान किया गया तो सही पाया गया। जयपुर से आए डेविड के दोस्त आयुष ने बताया कि 1907 में इनके पूर्वज रामखेलावन गए। कोलकाता प्रवास पत्र बनाया गया था। वह प्रवास पत्र खोजा गया और भारतीय दूतावास के पास यहां के सबूत पेश किए गए और भारतीय दूतावास द्वारा यहां लाया गया। संजय सिंह हीरापट्टी ने बताया कि भाई विनोद सिंह अमेरिका में रहते हैं। विनोद सिंह की मुलाकात डेविड की माता मार्लिन से हुई। बातचीत के दौरान पता चला कि यह भारत के उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ सगड़ी के मूल निवासी हैं।