विशेष नमाज अता कर की सबकी खुशहाली की कामना आजमगढ़। मुस्लिम समुदाय के दाऊदी बोहरा जमाअत के लोगों ने शुक्रवार को ही ईद-उल-फितर का पर्व पूरे उत्साह और उमंग के साथ मना रहा है। इस अवसर पर आजमगढ़ के पुरारानी मोहल्ला स्थित जामा मस्जिद में दाउदी बोहरा धर्मावलंबी एकत्रित हुए और सामूहिक रूप से नमाज अता कर सबकी सुख-समृद्धि के लिए दुआ की। सुबह की नमाज में शामिल होने के बाद समुदाय के सदस्य एक-दूसरे से गले मिले और पर्व की बधाई देते हुए शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। बच्चों व महिलाओं में भी ईद के मौके पर उल्लास नजर आ रहा है। नगर क्षेत्र में बोहरा जमाअत की कुल जनसंख्या लगभग 600 बताई जाती है। दाऊदी बोहरा जमाअत के लोग मिस्री कैलेंडर के हिसाब से रमजान का चांद निकलने से दो दिन पहले से ही रोजा रखना शुरू कर देते हैं। 30 रोजे मुकम्मल करने के बाद ही ईद का त्योहार मनाते हैं। इस हिसाब से बोहरा जमाअत के लोगों का गुरुवार को 30 रोजे पूरे हुए। शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे नमाजे फज्र ईद की नमाजा दुगाना अदा की गई। बोहरा समाज के आलिमों को जनाब के लकब से जाना जाता है। ईद की नमाज दुगाना गुजरात प्रांत से आए जनाब शेख हैदर आमिल ने पढ़ाई। नगर क्षेत्र में बोहरा जमाअत की एक बड़ी चार मंजिला हाईटेक जामा मस्जिद है। यह मोहल्ला पुरारानी में स्थित है। रमजान के रोजे के दौरान और ईद मनाये जाने तक बोहरा जमाअत के लोगों की एक पुरानी परंपरा है कि बोहरा जमाअत के घरों के सभी पुरुष, महिलाएं और बच्चे रमजान की पहली तारीख से इसी जामा मस्जिद में एकत्र रहते हैं। 30 दिनों तक सभी एक साथ इफ्तारी और सेहरी करते हैं। ईद की नमाज दुगाना अदा करने के बाद एक दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई देते हैं। ईद के मुख्य पकवान सेवईयों का स्वाद लेने के बाद अपने अपने घरों को वापस जाते हैं। इसकी सारी व्यवस्था बोहरा जमाअत कमेटी करती है। महिलाओं के लिए अलग से जामा मस्जिद के दूसरे तल पर खास व्यवस्था की जाती है।