मऊ : मंडलीय अपर निदेशक स्वास्थ्य ने मठिया टोला, अलीनगर का किया दौरा
By -Youth India Times
Wednesday, April 12, 20232 minute read
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विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की गतिविधियों का किया निरीक्षण रिपोर्ट-मुरली मनोहर पाण्डेय मऊ। जनपद में 30 अप्रैल तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की धरातलीय हकीकत जानने के लिए मंडलीय अपर निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ ओपी तिवारी ने बुधवार को नगर क्षेत्र के मठिया टोला मोहल्ले तथा कोपागंज ब्लॉक के अलीनगर गांव का दौरा किया । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. नरेश अग्रवाल ने दी। सीएमओ ने बताया कि मंडलीय अपर निदेशक ने अभियान के नोडल अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ), चिकित्साधिकारी सहित एलटी, फार्मासिस्ट, नगरपालिका के कर्मचारी और आशा कार्यकर्ता के साथ घर-घर जाकर लोगों से उनकी समस्याओं को जाना। क्षेत्रवासियों से साफ-सफाई व्यवस्था के साथ दवा जांच आदि की सुलभता पर चर्चा की। साथ ही संचारी रोगों से बचाव के साथ 17 अप्रैल से शुरू होने वाले दस्तक अभियान के बारे में भी जानकारी ली। मंडलीय अपर निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ. ओपी तिवारी ने बताया कि नगर के मठिया टोला और कोपागंज ब्लॉक के अलीनगर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने साफ-सफाई तथा लोगों को मिलने वाली चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी ली। लोगों को गर्मी में होने वाले रोगों के बारे में अवगत कराया। इसके साथ ही आगामी दस्तक अभियान को लेकर मच्छर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया आदि के साथ क्षय रोग एवं लू से बचने के लिए जरूरी जानकारी दी। भ्रमण के दौरान साथ रही आशा कार्यकर्ता सरस्वती गुप्ता की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जागरूकता की दिशा में अच्छा कार्य किया है। आगे भी इसी तरह के कार्य के लिए प्रोत्साहित किया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ आरएन सिंह ने बताया कि अधिकतर संचारी रोग मच्छरों से फैलने वाले रोग हैं, जो किसी न किसी रोग जनित कारको (रोगाणुओं) और वायरस के कारण होता है। यह गुणात्मक रूप से एक शरीर से दूसरे शरीर में फैलता है। मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, दिमागी बुखार, एईएस, जेई, कालाजार आदि संचारी रोग के उदाहरण हैं। इसके अलावा क्षय रोग, कोविड-19 भी संक्रमक रोग की श्रेणी में आते हैं। जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि जागरुकता व साफ-सफाई के माध्यम से ही संचारी रोगों से बचा जा सकता है। इसके लिए निरंतर अभियान चलाकर समुदाय को पहले से ही जागरूक किया जा रहा है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ बी.के यादव ने बताया कि जन्म से दो वर्ष तक की आयु तक टीकाकरण जेई बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगाए जा रहे हैं। नियमित टीकाकरण के साथ-साथ बच्चों को पौष्टिक भोजन उनकी रोग प्रतिरोधक (इमुयनिटी पावर) क्षमता को बढ़ाता है, जिससे बच्चों संगीर्ण विकास होता है। उन्होंने परिजनों से अपील की है कि जन्म से लेकर पाँच साल तक के बच्चों को समय पर सभी टीके जरूर लगवाएँ। सभी टीके पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं।