दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी तय लखनऊ। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय ने गाजीपुर के 21 करोड़ रुपये के सड़क घपले में 13 अवर अभियंताओं के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। यह जांच सरकारी सेवक आचरण नियमावली के नियम-7 के तहत होगी। इसमें दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी तक का प्रावधान है। पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड में हाल ही में घपला सामने आया है। इसमें शासन की बिना स्वीकृति 166 सड़कों पर रकम खर्च दिखा दी गई। यह गड़बड़ 2019-20 और 2020-21 में की गई। इन दो वर्षों में 38 करोड़ रुपये का फंड डायवर्जन किया गया। इसमें 21 करोड़ रुपये ऐसे कामों पर खर्च दिखाए गए हैं, जो स्वीकृत ही नहीं थे। जबकि, शेष 17 करोड़ रुपये का डायवर्जन स्वीकृत सड़कों पर बताया जा रहा है। वाराणसी के मुख्य अभियंता कार्यालय की प्रारंभिक रिपोर्ट में इस अनियमितता की पुष्टि की गई थी, जिसके बाद शासन ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। पूरे मामले में पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के स्तर से अवर अभियंता अनिल वर्मा, आशीष श्रीवास्तव, अरविंद यादव, सुभाष राम, राजेश कुमार, कन्हैया पांडेय, मनीष शुक्ला, नदीम खान, अनंत लाल, वीरेंद्र कुमार, चंदन वर्मा, एसएन शर्मा और सेवानिवृत्त अवर अभियंता ओपी तिवारी के खिलाफ जांच के आदेश हुए हैं। शासन पहले ही तत्कालीन अधिशासी अभियंता और 4 सहायक अभियंताओं के खिलाफ जांच के आदेश दे चुका है।