लापरवाही पर यूपी भवन के व्यवस्थाधिकारी समेत तीन सस्पेंड लखनऊ। नई दिल्ली के यूपी भवन में लापरवाही के चलते तीन अधिकारियों पर योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है । यौन शोषण का आरोप सामने आने के बाद राज्य संपत्ति विभाग ने व्यवस्थाधिकारी डॉ. दिनेश कुमार कारुष तथा दो अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। तीनों पर अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने का आरोप है। राज्य संपत्ति विभाग के संयुक्त सचिव राजाराम द्विवेदी को सोमवार को जांच अधिकारी नामित किया गया। यूपी सदन में तैनात राजीव तिवारी को यूपी भवन के व्यवस्थाधिकारी का भी प्रभार सौंपा गया है। अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल की तरफ से जारी आदेश के अनुसार नई दिल्ली में तैनात यूपी के स्थानिक आयुक्त की तरफ से शासन के संज्ञान में लाए गए तथ्य के आधार पर कार्रवाई की गई है। स्थानिक आयुक्त के पत्र के अनुसार महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने यूपी भवन संगम के स्वागत पटल पर कार्यरत कर्मचारियों में से वरिष्ठ स्वागती पारस नाथ व कनिष्ठ स्वागती राकेश कुमार सिंह से अनुरोध किया कि किसी उच्च अधिकारी के लिए कक्ष आवंटन की जरूरत को देखते हुए कोई कक्ष उन्हें आवंटन से पूर्व दिखा दिया जाए। इस पर स्वागत पटल पर कार्यरत कर्मचारियों ने हाउसकीपिंग एजेंसी के माध्यम से कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी नरेन्द्र के माध्यम से कक्ष संख्या-122 खुलवाया। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के अनुसार 26 मई को अपराह्न 12.22 बजे राजवर्धन सिंह परमार एक अज्ञात महिला के साथ आए और अपराह्न 1.05 बजे अज्ञात महिला के साथ ही वापस गए। बाद में इस अज्ञात महिला ने नई दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई। जांच अधिकारी ने 27 मई को घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद फोरेंसिक जांच एवं अन्य कानूनी कार्रवाई के लिए अगले आदेशों तक के लिए कक्ष संख्या - 122 को सील कर दिया। आदेश में कहा गया है कि राज्य संपत्ति विभाग के शासनादेश में यूपी भवन में ठहरने वाले व्यक्तियों की सूची निर्धारित है। इस सूची के अनुसार राजवर्धन सिंह परमार अनुमन्यता की श्रेणी में नहीं आते थे। स्वागत पटल पर कार्यरत कर्मचारियों ने पारस नाथ व राकेश कुमार सिंह तथा आउटसोर्स कर्मचारी नरेन्द्र द्वारा परमार को कक्ष दिखाए जाने का कोई औचित्य नहीं था। स्वागत पटल पर तैनात इन दोनों कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया है।