प्रत्याशी बोला- टिकट के 40 लाख दिए थे, वापस चाहिए अलीगढ़। अलीगढ़ निकाय चुनाव में टिकट वितरण के बाद ऑडियो वायरल हुईं। वहीं अब नतीजे आने व शपथ ग्रहण होने के बाद भी एक और ऑडियो बम फट गया है। जिसमें एक नगर पालिका से भाजपा प्रत्याशी और जनप्रतिनिधि के बीच हुई बातचीत की ऑडियो वायरल हो रही है। वायरल ऑडियो में टिकट के नाम पर 40 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया जा रहा है। पांच मिनट 27 सेकेंड की ऑडियो में प्रत्याशी ने सरकारी महकमे को भी घेरा है। शनिवार को सोशल मीडिया व वाटस्एप ग्रुपों पर एक ऑडियो वायरल होनी शुरू हो गई। ऑडियो भाजपा नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी व जनप्रतिनिधि के बीच की बताई जा रही है। प्रत्याशी जिसमें कह रहे हैं कि 40 लाख रुपये टिकट के नाम पर ले गए। जनप्रतिनिधि द्वारा जवाब दिया जाता है कि पैसे मांगो तो प्रत्याशी उग्र होकर कुछ अपशब्द को इस्तेमाल करने लगते हैं। प्रत्याशी द्वारा एक पार्टी विशेष के प्रत्याशी को वोट दिलवाने की बात कहते हुए सरकारी महकमे पर भी पैसों का लेनदेन करने का आरोप लगाया है। प्रत्याशी अपने परिवारजन की कसम खाने की बात भी बात कहते हैं। वायरल ऑडियो भाजपा में चर्चा का विषय बन गई है। वायरल ऑडियो में जिन दो शख्सों जिक्र आ रहा है। उनको प्रत्याशी के द्वारा करुआ और सुशील के नाम से संबोधित किया जा रहा है। अब सवाल उठता है कि आखिर यह दोनों कौन हैं और इन पर क्या दायित्व हैं। भाजपा से एक नगर पालिक प्रत्याशी व जनप्रतिनिधि के बीच हुई बातचीत के वायरल ऑडियो के अंश : प्रत्याशीः लोग का कह रहे, का-का न कह रहे, लोग तो ये भी कह रहे हैं कि आपके और एक और मंत्री के नाम पर पैसे ले गए और दूसरी पार्टी के प्रत्याशी की चेलों ने सपोर्ट की है। जनप्रतिनिधिः कितने ले गए, पैसे मांगो अपने, प्रत्याशीः मांगूगा न मारूंगा इन्हें (गाली बकते हुए) जनप्रतिनिधिः बिल्कुल सही बात है, लेकिन पब्लिकली ऐसे किसी के बारे में मत बोलो, जिनसे तुमने बात की है, जो पैसे ले गए हैं, उन्हें घर बुलाकर वापस मांगो। प्रत्याशीः बिल्कुल कहूंगा साहब, नहीं पिटेंगे, होश में कर दूंगा (गाली बकते हुए), चुनाव वाले दिन इनने इतना नाटक मचाया कि पूछो मत, खुलकर? जनप्रतिनिधिः चौंकते हुए, अच्छा जी? प्रत्याशीः प्रशासन को भी घेरते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल, पैसा लिए हैं? जनप्रतिनिधिः वो तो बदल गया होगा, सरकारी महकमे के एक अधिकारी के बारे में? प्रत्याशीः पूरा महकमा बिका है? जनप्रतिनिधिः एक बार फिर चौंकते हुए, अच्छा जी? प्रत्याशीः हां जी, बस पूछो मत? जनप्रतिनिधिः अपने नाम पर पैसे जाने के आरोप पर जवाब, तुम चार लाख ही दे दो, 40 लाख तो बहुत हैं? प्रत्याशीः पूछा चेलों को, भाईसाहब काहू की कसम ले लो, मैं कोई फर्जी बात न कर रहो, मैं अपने बालकन की कसम खा लूं? जनप्रतिनिधिः एक दिन इन सभी को मेरे पास बुलाकर लाओ? प्रत्याशीः लाऊंगा साहब, गाली देते हुए, आपके नाम पर एक और नाम खोलो न हो, जिनके नाम पर 40 लाख लिए? जनप्रतिनिधिः वो तो कह रहो कि गाली दे रहे हैं? प्रत्याशीः कोई कह दे, एक शब्द किसी के लिए बोला हो, कोई सामने के मुकाबले पर कह दे, काऊ के बारे में? जनप्रतिनिधिः देखो ऐसा है, हारजीत लगी रहती है, हार जीत में कोई प्रॉब्लम नहीं, ये पैसे वाला मैटर सीरियस है, इसे ओपन करो? प्रत्याशीः भाई साहब, अपने बच्चों की कसम खाकर कह रहो हूं? जनप्रतिनिधिः लेकिन आप इसे पूरा ओपन करो, पूछो भइया पैसे कहां हैं? प्रत्याशीः मंत्री का भी फोन आया, मैंने कह दई कि 40 लाख रुपये लिए हैं? जनप्रतिनिधिः हां, बताया था, बोल रहे थे कि हमारे नाम पर 40 लाख देने की उड़ा रहे हैं? प्रत्याशीः गाली देते हुए, उड़ा रहे हैं, गिनकर ले गए हैं, यहां से,? जनप्रतिनिधिः पिक्चर क्लीयर करो, मैं सहमत हूं तुम्हारी बात से, मेरी सपोर्ट की जरूरत पड़े तो बताना? प्रत्याशीः ठीक है बाबूजी, आपका इतना आशीर्वाद है तो बहुत बात है? जनप्रतिनिधिः देखो आपने क्या बात कर दी, आपको काफी लाइक करता हूं? प्रत्याशीः भाई साहब, इनसे वसूल करवाओ पैसा? जनप्रतिनिधिः वसूल तो आप ही करोगे? प्रत्याशीः मैं तो मारूंगा (गाली देते हुए) फिर आप ही देख लियों? जनप्रतिनिधिः देखो आपसे पैसा लिया है, यह आपका मैटर हो गया? प्रत्याशीः अरे लिया है, इससे बड़ी बात का कहूं, बच्चों की कसम खा रहा हूं, बेटे के हाथों गिनकर गए हैं? जनप्रतिनिधिः अच्छा बेटे को भेजना, मेरे से बात करें? प्रत्याशीः अच्छी जी, भेजता हूं, जय राम जी की।