भाजपा नेता हत्याकाण्ड के आरोपी को कोर्ट परिसर में गोलियों से भूना
By -Youth India Times
Wednesday, June 07, 2023
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मुख्तार अंसारी का करीबी था गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा लखनऊ। लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट के भीतर गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा को गोली मारकर हत्या कर दी गई. हमलावर वकील की ड्रेस में था. संजीव महेश्वरी मुख्तार अंसारी का करीबी था. वह बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड का आरोपी था. पेशी के लिए संजीव को कोर्ट में लाया गया था. गोली कांड में चार पांच लोगों की घायल होने की भी खबर है. संजीव महेश्वरी जीवा पश्चिम यूपी का कुख्यात गैंगस्टर था. पुलिस ने एक हमलावर को हिरासत में लिया है. घायल अवस्था में हमलावर को पुलिस अस्पताल ले गई. हत्यारे की पहचान विजय यादव पुत्र श्यामा यादव निवासी केराकत जिला जौनपुर के रूप में हुई है. पुलिस छानबीन में जुटी हुई है. घटना के बाद वकीलों में आक्रोश है. वकीलों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. चश्मदीद ने बताया कि हमलावर ने छह गोलियां चलाई थीं. कोर्ट परिसर में खून के घब्बे गिरे हुए हैं. दीवारों पर भी खून के धब्बे हैं. घटना के बाद पुलिस ने वहां से बॉडी को हटाया. एक वकील ने कहा कि मैं यहां ह रदिन आता हूं लेकिन आज जो हुआ वो शर्मनाक है. एक बच्ची को गोली लगी है. उसका पिता अपनी बच्ची के लिए तड़प रहा है. कोर्ट में आने से पहले जांच होती है, हम लोगों की भी जांच होती है. कोर्ट परिसर के भीतर अस्त्र आ रहा है. संजीव महेश्वरी जीवा शामली जिले के रहने वाला था. अपराध की दुनिया में उसने 90 के शुरुआती दशक से रखी थी. उसके खिलाफ 22 से ज्यादा मामले दर्ज थे. उसे बाहुबली मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता है. शुरूआती दिनों में दवाखाने में कंपाउडर की नौकरी करता था. नौकरी के समय इसने दवाखाना के संचालक को अगवा कर लिया था. कोलकता में एक कारोबारी के बेटे को भी अगवा कर 2 करोड़ की फिरौती मांगी थी. 10 मई 1997 को इसका नाम बीजेपी के बड़े नेता ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया. वो जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा था. हाल ही में मुजफ्फरनगर में जीवा की करीब 4 करोड़ रुपये की कीमत की प्रॉपर्टी को जिला प्रशासन ने कुर्क किया था. ब्रम्हादत्त द्विवेदी बीजेपी के बड़े नेता थे. वे अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के करीबी थे. प्रसिद्ध गेस्ट हाउस घटना के दौरान उन्होंने मायावती को बचाया था. 10 फरवरी 1997 को हत्या कर दी गई थी.