23 जून की विपक्षी एकता मीटिंग से पहले बड़ा ऑफर लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पटना में होने वाली विपक्षी एकता मीटिंग से पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। अखिलेश यादव ने एक चैनल से बातचीत में दौरान मायावती से गठबंधन पर सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अभी तक सपा ने जितने भी गठबंधन किए। सभी बड़ी ईमानदारी से निभाए गए। हमें उम्मीद है कि बीजेपी को हराने के लिए सभी दल बड़े दिल से सपा के साथ आएंगे। उन्होंने संकेत देते हुए कहा कि 2019 में बीजेपी को कोई हरा पाया था केवल सपा-बसपा ने हराया। हमारा मानना है कि यूपी से बीजेपी हार जाएगी उसी दिन राजनीति से बाहर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि 23 जून को होने वाली मीटिंग में बहुत कुछ तय होगा। नए सुझाव भी निकलकर सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि 2017 में कांग्रेस से और 2019 में बसपा से हमने गठबंधन किया। हमारे वोट प्रतिशत बढ़े पर बीजेपी को हरा नहीं पाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के सभी दल बड़ा दिल लेकर सपा के साथ आएं। जैसा कि सपा ने पहले के गठबंधनों में बड़ा दिल दिखाया है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने ईमानदारी से गठबंधन के लिए वोट डलवाए। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 का चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल पार्टी भी गठबंधन में शामिल थी। हालांकि गठबंधन कुछ खास प्रभावित नहीं कर सका था। यूपी की 80 सीटों में से सपा को महज 5 तो बसपा को 10 सीटों पर जीत हासिल हो सकी थी। चुनाव के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने आरोप लगाया था कि सपा का वोट बसपा को नहीं मिला और गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया था। दरअसल, बीजेपी सरकार को हराने के लिए विपक्षी एकता पर भाजपा विरोधी दलों की बैठक अब 23 जून को पटना में होगी। इसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित ज्यादातर विपक्षी दलों के आला नेताओं ने सहमति दे दी है। इनके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमत सोरेन, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा, माकपा के राष्ट्रीय सचिव सीताराम येचुरी और भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी 23 जून की बैठक में शामिल होने पर हामी भरी है।