अयोध्या। यूपी मुख्य बाल सेवा योजना के तहत जिन बच्चों ने अपने माता- पिता या दोनो में से किसी को खो दिया है, ऐसे 18 से 23 वर्ष तक के अधिकतम दो बच्चों को 2500 रुपए प्रति बालक- बालिका आर्थिक सहायता मिलेगी। यह धनराशि ऐसे बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार देगी।
जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) बेहद ही जनकल्याणकरी एवम् महत्त्वपूर्ण योजना है। उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड - 19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है और जो 18 से 23 वर्ष के हैं उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
ऐसे बच्चे जो कक्षा 12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरान्त राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने के लिए शिक्षा प्राप्त कर रहें हों या नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले या जिनकी माता तलाकशुदा स्त्री या परित्यक्ता है अथवा जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्यकर्ता जेल में है उन्हें भी आर्थिक सहायता दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के पात्रता की श्रेणी में आने वाले परिवार के अधिकतम दो बच्चों को प्रतिमाह प्रति बालक-बालिका 2500 रुपए की सहायता धनराशि प्रदान की जाएगी।