आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्व0 रामनरेश यादव बाबूजी की 95वीं जयंती कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम अवध यादव के नेतृत्व में जिला कार्यालय पर शनिवार को मनाई गई। सर्वप्रथम बाबूजी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर कांग्रेसजनों ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें सादगी की प्रतिमूर्ति बताया। अध्यक्षता चन्द्रपाल सिंह व संचालन मुन्नू यादव ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राम अवध यादव ने कहाकि बाबूजी अपने जीवन की शुरूआत से ही मेधावी छात्र रहे तथा वकालत करते हुए राजनीति में कदम रखा। उनका पूरा जीवन संघर्षाे से भरा रहा साथ ही उन्होंने सादगी व ईमानदारी के बल पर सात बार दोनों सदनों के सदस्य रहे। जिसमे तीन बार सांसद व चार बार विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया। इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवा दी।
श्री यादव ने आगे कहाकि अपने मुख्यमंत्री काल में 1977 में पूरे प्रदेश में अंत्योदय योजना, पिछड़ा वर्ग को 15 प्रतिशत आरक्षण और तमाम विकास कार्य को अमलीजामा पहनाते हुए प्रदेश में ख्याति अर्जित कर अपनी सादगी और ईमानदारी की छाप छोड़ते हुए राजनीति में ईमानदारी को महत्व दिया। उन्होंने कहाकि राजनीति के अनुकरणीय रामनरेश यादव बाबूजी की कमी हमें जीवन पर्यंत खलेगी।
अध्यक्षीय संबोधन में चन्द्रपाल सिंह यादव ने कहाकि रामनरेशन यादव जैसे लोगों की राजनीति में सख्त आवश्यकता है। इस अवसर पर नगीना प्रसाद मौर्या, ओमप्रकाश यादव, प्रदेश सचिव रामप्यारे यादव, शम्भु शास्त्री आलोक सिंह, प्रदीप यादव, कवि एवं शायर नामी चिरैयाकोटी, उपेंद्र यादव, मगदीश यादव, सम्पत्त यादव, प्रमोद यादव, अशोक कुमार, मुख्तार मंसूरी मनीष यादव, शैलेष यादव, अजीत आदि मौजूद रहे।