DM ने कहा- कहने से नहीं बनेगी बात, लिखकर दीजिए
बरेली। बरेली के विकास भवन में शनिवार को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक हुई। विभिन्न सरकारी योजनाओं की ढाई घंटे तक चली समीक्षा के दौरान जनप्रतिनिधियों ने जमीनी हकीकत उजागर कर भ्रष्टाचार के आरोपों की झड़ी लगा दी। सांसद ने कहा कि गांव से लेकर तहसील तक भ्रष्टाचार फैला है। अफसर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो जिलाधिकारी ने खुद मोर्चा संभाला। वह बोले- सिर्फ कहने से व्यवस्था नहीं बदलेगी। आप लिखकर दीजिए।
आंवला के सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने गांव से तहसील तक भ्रष्टाचार की बात को स्पष्ट किया। बोले- लेखपालों ने अपने निजी कर्मचारी रख लिए हैं। आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र की रिपोर्ट अपलोड करने के नाम पर यही निजी कर्मचारी सुविधा शुल्क लेते हैं। रुपये लेखपाल की जेब में जाते हैं।
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए बरेली के सांसद संतोष गंगवार ने कहा कि सारे अवैध लेनदेन निजी कर्मचारी करता है और पकड़ा भी नहीं जाता। लेखपाल भी बाल-बाल बचे रहते हैं। इस पर डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने जवाब दिया कि सिर्फ कहने भर से व्यवस्था नहीं बदलेगी। आप सभी लिखित शिकायत कीजिए।
यह सुनते ही कई ब्लॉक प्रमुख बोल पड़े- ग्राम पंचायत अधिकारी और जेई ने भी निजी कर्मचारी रख लिए हैं। जल जीवन मिशन में प्रशिक्षण देने के लिए एनजीओ वसूली कर रहा है। कुछ लोग पेयजल आपूर्ति के संचालन के लिए सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बीस हजार से लेकर एक-एक लाख रुपये तक वसूल रहे हैं।
इस पर डीएम ने कहा कि अगर ऐसा है तो उस व्यक्ति की ओर से तहरीर दिलाएं, जिससे रुपये लिए गए या मांगे गए। मांगने वाले को नामजद कराइए। अगर रुपये लिए गए हैं तो सबसे पहले वापस कराएंगे। फिर उसे जेल भी भेजा जाएगा। नवाबगंज के विधायक एमपी आर्य ने ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए सामान समय पर न दिए जाने का मुद्दा उठाया। वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि किसान अपने खेत में पेड़ लगाएं। पेड़ निशुल्क मिलेगा। मजदूरी मनरेगा से मिलेगी।