आजमगढ़ : उच्च न्यायालय के आदेश से बेपरवाह सब रजिस्ट्रार

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सीएमओ आफिस से देख रहे दो जगहों का कार्यभार
हाईकोर्ट के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल कर रहे मनमानी
रिपोर्ट : वेद प्रकाश सिंह 'लल्ला'
आजमगढ़। जिला मुख्यालय पर स्थित चिट फंड सोसायटी कार्यालय में सब रजिस्ट्रार का पदभार संभाल रहे सीएमओ आफिस में नियुक्त लेखाधिकारी की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं। उच्च न्यायालय के आदेश भी उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है तभी तो जिस प्रकरण में उच्च न्यायालय ने सुनवाई पूरी करने के लिए सब रजिस्ट्रार को 42 दिनों का समय निर्धारित किया था उस आदेश को उन्होंने ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

बात हो रही है मऊ जिले के श्री मनसा जोन्हा देवी समिति की जिसकी परिवादिनी मनोरमा सिंह की पत्रावली पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने विगत 30 मई को इस मामले की सुनवाई करने के लिए सब रजिस्ट्रार आजमगढ़ को आदेशित करते हुए 42 दिनों का समय दिया था। आदेश की कापी बीते 9 जून को सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय आजमगढ़ को परिवादिनी द्वारा उपलब्ध करा दी गई। इस मामले सब रजिस्ट्रार ने सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तिथि निर्धारित किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस सबके बीच 39 दिन गुजर गए। हैरानी की बात यह कि इसी बीच 12 से 17 जून के बीच उनके द्वारा कई पत्रावलियों में आदेश पारित किया गया। इस संबंध में पीड़िता मनोरमा ने मंडलायुक्त समेत अन्य संबंधित अधिकारियों के यहां उच्च न्यायालय के आदेश को प्रस्तुत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता का कहना है कि एक तरफ उच्च न्यायालय द्वारा बीते 30 मई को दिए गए आदेश की अवहेलना की गई वहीं उसे भय है कि इस मामले में कहीं पूर्वाधिकारी द्वारा किए गए आदेश पर इस समय प्रभार देख रहे अधिकारी द्वारा हेरफेर कर विपक्षी के पक्ष में कोई आदेश न कर दिया जाए। न्याय की तलाश में भटक रही महिला इस संबंध में सशपथ बयान देने को तैयार है। अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या होता है।

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