गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था पूरा गांव

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आठ पुलिसकर्मियों का हुआ था कत्ल
कानपुर। कानपुर देहात के चौबेपुर क्षेत्र में तीन साल पहले हुए बिकरू कांड का मुख्य मामला कानूनी दांवपेंच के चलते तारीख-दर-तारीख लंबित चल रहा है। अभियोजन की लगातार पैरवी व अदालत के सख्त रुख अपनाने पर आरोपियों पर आरोप तय हो सके। अब गवाही शुरू हुई है। बचाव पक्ष पिछली कई तिथियों से जिरह कर रहा है। अभी कई अधिवक्ता जिरह के लिए शेष है। इससे बिकरू कांड पर फैसला आना कोसों दूर है। दो जुलाई 2020 को चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे ने साथियों के साथ फायरिंग की थी। घटना में तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। कई पुलिस कर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने विकास दुबे समेत 21 नामजद व 60-70 अन्य बदमाशों के खिलाफ हत्या, लूट समेत कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। वारदात के बाद पुलिस व एसटीएफ ने विकास दुबे व उसके पांच साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। वहीं, मामले में विवेचना कर 44 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के साथ ही उनके खिलाफ आरोप पत्र एंटी डकैती कोर्ट में दाखिल कर दिए थे।
जब अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई तो बचाव पक्ष ने पुलिस केस डायरी की नकल का मुद्दा उठाया। इस पर सभी आरोपियों को पुलिस केस डायरी उपलब्ध कराई गई। इस कार्रवाई में ही कई महीने बीत गए। जब आरोपियों पर आरोप तय होने की बारी आई तो बचाव पक्ष ने अपूर्ण केस डायरी को मुद्दा बनाया। अदालत में मामले की सुनवाई के लिए सभी आरोपियों व उनके अधिवक्ताओं के लिए पर्याप्त स्थान न होने की बात उठाते हुए सुनवाई खुले स्थान में करने की मांग कर प्रार्थना पत्र दाखिल किया। अदालत के प्रार्थना पत्र निरस्त करने के बाद बचाव पक्ष ने आरोपियों की ओर से एक-एक कर आरोप मुक्त करने के प्रार्थना पत्र अदालत में दाखिल किए गए। सुनवाई होने के बाद अदालत ने इन्हें निरस्त कर दिया। इससे आरोपियों पर आरोप तय न होने से विचारण लंबित होता चला गया। इसके बाद अभियोजन पक्ष ने अपनी पैरवी तेज की, साथ ही अदालत ने सख्त रुख अपनाया। अदालत ने बचाव पक्ष को आरोपियों को आरोप मुक्त प्रार्थना पत्र पेश करने का अंतिम अवसर देते हुए हिदायत दी। इस पर फरवरी 2023 में आरोपियों पर आरोप तय कर मामले में विचारण शुरू कर दिया गया। अभियोजन की ओर से मार्च 2023 में मामले में पहले गवाह दरोगा कुंवरपाल को पेश कर कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए। वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने गवाह से जिरह शुरू की जो पिछली कई तिथियों से जारी है वहीं अभी मामले में अन्य आरोपियों की ओर कई अधिवक्ताओं को गवाह से जिरह करनी है। अभियोजन की ओर से अभी कई गवाहों को पेश करना है। इन परिस्थितियों में मामले में फैसला अभी कोसों दूर नजर आ रहा है।

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