गाड़ियों पर भी किया पथराव
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पूर्व प्रधान का कब्जा हटाना सदर तहसील की टीम को महंगा पड़ गया। कब्जा हटाकर जब टीम लौट रही थी तभी भीड़ ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटना शुरू कर दिया। गाड़ियों पर भी पथराव किया। मौके से लेखपालों को जान बचाकर भागना पड़ा। वहीं हमले में नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और चार लेखपाल जख्मी हो गए। जिसके बाद लेखपाल संघ ने कार्य बहिष्कार करके जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया। देर रात पूर्व प्रधान के हिरासत में लिए जाने पर महिलाओं और ग्रामीणों की भीड़ सचेंडी थाने में इकट्ठा हो गई। ये मामला सचेंडी के सुरार गांव का है। वर्तमान प्रधान पंकज कुमार ने भाजपा समर्थित पूर्व प्रधान रामकरण यादव पर ग्राम समाज की जमीान पर अवैध कब्जा करके दीवार खड़ी कइए जाने की शिकायत की थी। तीन दिन पहले एसडीएम अभिनव गोपाल, नायब तहसीलदार प्रियंग सिंह गांव पहुंचे थे। जहां स्थाई और अस्थाई कजा देख नायब तहसीलदार को टीम बनाकर अस्थाई अतिक्रमण को ढहाने और स्थाई पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। सोमवार को नायब तहसीलदार के ही नेतृत्व में टीम गांव पहुंची। जेसीबी से अवैध कब्जे ढहाए गए। जब टीम लौटने लगी तो पूर्व प्रधान रामकरण यादव ने अपने बेटे और साथियों के साथ मिलकर हमला कर दिया। इस दौरान कानूनगो राकेश गौतम, लेखपाल वीर बली, आनंद शंकर पांडेय, रवि प्रकाश और धर्मपाल पर भीड़ ने हमला कर दिया। हाथापाई के बाद नायब तहसीलदार को बधंक बना लिया। यहां तक कि गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। इस घटना में नायब तहसीलदार और लेखपाल घायल हो गए। सूचना मिलने पर सचेंडी पुलिस ने तहसील टीम को मुक्त कराया और गांव से बाहर लेकर आई। थाना प्रभारी ने बताया कि तीन लोगों को हिरासत में लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।