घरों के चूल्हे पड़े ठंडे, सदमे में परिजन
सहारनपुर। सहारनपुर जनपद के गांव बालेली पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। बृहस्पतिवार को गांव में नौ चिताएं जलीं तो हर ग्रामीण की आंखों से आंसू निकल आए। वहीं, मृतकों के परिजनों में कोहराम मचा रहा। साथ ही ग्रामीणों के घरों में चूल्हे तक नहीं जले। उधर, जनपद के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। इस घटना के बाद से ही पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। थाना गागलहेड़ी के गांव बालाहेड़ी उर्फ बालेली में सन्नाटा पसरा है, लेकिन मृतकों के परिजनों की चीख इस सन्नाटे को चीर रही थी। गांव में मातम पसरा है। नौ ग्रामीणों की मौत से हर घर में गम का माहौल बना है।
बताया गया कि मंगलेश (55), आदिति (तीन), टीना (13), सुलोचना (58) की मौके पर मौत हो गई थी, जिनका अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार दोपहर हुआ। पांच शव बृहस्पतिवार को सुबह मिले। वहीं, पोस्टमार्टम के बाद किरण (30), एकता (14), अक्षय (20), नीतीश कुमार (आठ), कामनी (12) का अंतिम संस्कार देर शाम हुआ है। गांव के हर घर में चूल्हे ठंडे पड़े हैं और मृतकों के घर ग्रामीणों की भीड़ लगी है।
हादसे में बालेली निवासी धर्मवीर का परिवार तो उजड़ ही गया है। उसकी पत्नी किरण की मौत हो गई है, जबकि पुत्री एकता की भी जान गई है। वहीं, पुत्र सौरभ अभी लापता है, जिसको एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें तलाश कर रही हैं। धर्मवीर का रो-रोककर बुराहाल है। ग्रामीण धर्मवीर को सांत्वना दे रहे हैं, लेकिन उसके आंसू रुक नहीं रहे हैं। गमगीन माहौल में मृतकों का अंतिम संस्कार हुआ। ग्रामीण बोले इस दिन को कभी भुला नहीं पाएंगे। मरने वाले सभी लोग आपस में एक ही कुटुंभ के थे। खुशी-खुशी सबका बागड़ जाने का कार्यक्रम था। इसलिए वह रिश्तेदारों के यहां चॉब लेकर जा रहे थे। किसी को क्या पता था कि यह दिन दर्दनाक साबित होगा।
ग्राम नन्हेड़ा, बेदबेगमपुर, मांडेबांस, हरौड़ा, सिंभालकी गुर्जर के ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां लेकर बालेली पहुंचे। इसके साथ ही पीड़ित लोगों की हर संभव मदद की। वहीं, शवों की एंबुलेंस के साथ मंडलायुक्त हृषिकेश भास्कर यशोद, सांसद हाजी फजलुरर्हमान, पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, पूर्व विधायक जगपाल सिंह, सीओ सदर अभितेष सिंह, एसडीएम सदर युवराज सिंह सहित पुलिस फोर्स गांव पहुंची। अंतिम संस्कार के दौरान भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।