कानपुर। कभी मुझे मोटी कह कर चिढ़ाने वालों.... चिढ़ाने वालों, आपका बहुत शुक्रिया... आपने मुझे एशियन फिटनेस चैंपियन बना दिया। यह कहती हैं राम नरायण बाजार की प्राची दीक्षित । उन्होंने वह कर दिखाया जो बहुत कम लोग कर पाते हैं। जब वह इंटरमीडिएट में थीं उनका वजन 95 किलोग्राम था। उनके मोटापे को लेकर मोहल्ले के लड़के ही नहीं बल्कि पूरा कॉलेज चिढ़ाया करता था। आज यही प्राची बॉडी बिल्डिंग में एशियाई चैंपियन हैं। न सिर्फ अपना वजन 40 से 45 किलो तक घटाया बल्कि देश की वह नामचीन बिकनी मॉडल बन गईं। अब वह उन्हीं चिढ़ाने वालों से कहती हैं - 'आपका बहुत शुक्रिया, आपने मुझे चैंपियन बना दिया।'
मीडिया से बातचीत में प्राची कहती हैं 'मेरा घर से बाहर निकलना दुश्वार हो गया था। चाहे बाजार हो या मॉल, सिनेमा हॉल हो या पार्क, सभी की निगाहें मुझ पर केंद्रित हो जाती हैं। मेरे मोटापे को लेकर कसीदे गढ़े जाने लगे थे। जिधर से निकलती उधर से ही चिढ़ाते हुए लोग निकल जाते । पहले तो इसकी बहुत परवाह की । एक समय में डिप्रेशन की स्थिति में आ गई। उस समय कुछ लोगों ने मुझे जिम ज्वाइन करने की सलाह दी। उन्होंने मुझसे कहा कि 10-15 किलो भी वजन घटा लो तो बेहतर है। आखिरकार मैंने सिविल लाइंस में एक जिम ज्वाइन किया।
सुबह से शाम तक बीच-बीच में घंटों वर्क आउट करने लगी। जिम के ट्रेनर ने मेरी लगन देखकर ज्यादा ध्यान दिया और मैं स्लिम- ट्रिम हो गई। इसके बाद इसी फिटनेस में नाम कमाने और दमखम दिखाने को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया। आज मुझे इस बात की खुशी है कि मैं लगातार अपना मुकाम हासिल करने की ओर अग्रसर हूं। अब वही चिढ़ाने वाले लोग मुझे देखकर नजरें झुका लेते हैं। शर्मसार हो जाते हैं। उन्हें बहुत धन्यवाद कि मुझे चैंपियन बना दिया।
प्राची दीक्षित के पिता अनिल कुमार दीक्षित और मां अनीता को पर गर्व है । प्राची ने बीएनडी कॉलेज से एमकॉम किया है। उनके पिता अध्यापक हैं। प्राची की इच्छा थी कि बैंकिंग सेवा में जाएं। कोरोना संक्रमण काल में जब बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताएं होनी बंद हो गईं थी तो उनकी शादी कानपुर देहात के पुखराया निवासी डॉ. वत्सल चतुर्वेदी से हो गई। डॉ. वत्सल चिकित्सक हैं मगर उनकी भी फिटनेस में बहुत रुचि है इसलिए वह कभी प्राची के मकसद में बाधक नहीं बने। बल्कि सहयोग ही किया। उन्हें भी अपनी पत्नी पर गर्व है।