महानिदेशक ने निदेशक प्रशासन को जांच हेतु नामित किया अधिकारी
आजमगढ़। मंडलीय जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट अनिल राय पर शासन की तलवार तन गई है। मुबारकपुर सपा विधायक अखिलेश यादव ने मामले को विधानसभा में उठाकर पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है, जिसके क्रम में महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं। निदेशक पैरामेडिकल की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि विधायक अखिलेश यादव आजमगढ़ ने 22 वर्षों से कार्यरत फार्मासिस्ट अनिल राय की अनियमितता का मामला उठाया है। मंडलीय जिला चिकित्सालय में पोस्ट तैनात फार्मासिस्ट ने अस्पताल के पीछे धारा मेडिकल एंड सर्जिकल सेंटर अपने पुत्र आलोक राय के नाम से खोला है। इनके द्वारा पिछले कुंभ मेले की बची दवाइयों एवं उपकरण चार ट्रक प्रयागराज से मंडलीय जिला चिकित्सालय के लिए प्राप्त करके सरकारी अस्पताल में न लाकर बाहर बेच दिया गया। इसकी जांच मंडलायुक्त आजमगढ़ द्वारा की गयी, जिसमें अनिल राय को दोषी पाए जाने पर औषधि स्टोर से हटा दिया गया एवं अन्यत्र मंडल में स्थानांतरण करने हेतु अनुमोदित किया गया था। उसके क्रम में इनका स्थानांतरण वर्ष 2022 में चंदौली किया गया था। विधायक ने बताया कि मोटी रकम देकर स्थानांतरण रोकवा लिया और पुनः अधिकारियों पर दबाव बनाकर उसी औषधि भंडार से भारी मात्रा में सरकारी दवाओं को अस्पताल के पीछे से अपने मेडिकल हाल पर ले जा रहे थे। जनता के शोर मचाने पर दवाओं की पेटियों को छोड़कर भाग गए। मीडिया द्वारा इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंची, तो प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य द्वारा अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य, आजमगढ़ को आदेशित किया गया कि औषधि भंडार में तैनात अनिल राय को हटाकर स्टाक रजिस्टर को सील कर दवाओं की सूची बैच नंबर व एक्स्पायरी डेट के साथ शासन को उपलब्ध कराएं, लेकिन अभी तक उपरोक्त कार्रवाई अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक मंडलीय जिला चिकित्सालय द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई, बल्कि अनिल राय द्वारा फेंकी गई दवाओं को जेसीबी से गढ्ढा खोदकर ढक दिया गया। उपरोक्त प्रकरण पर अखिलेश यादव द्वारा निदेशक प्रशासन, स्वास्थ्य भवन से जांच कराकर विभागीय कार्रवाई की मांग की गई है। प्रकरण की जांच हेतु महानिदेशक ने निदेशक प्रशासन को जांच अधिकारी नामित किया।