आजमगढ़: ‘जाणता-राजा’ के संदर्भ में ‘व्याख्यान’ कार्यक्रम संपन्न

Youth India Times
By -
2 minute read
0
युद्ध नीति से लेकर राज्य व्यवस्था की लिए शिवाजी महाराज से हमें प्रेरणा मिलती है-राकेश उपाध्याय
आजमगढ़। हरिऔध कला भवन आजमगढ़ के ऑडिटोरियम में दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार के सेवा प्रकल्पों को समर्पित आगामी कार्यक्रम (26 से 31 अक्टूबर 2023) लखनऊ में आयोजित छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित ‘जाणता-राजा’ के संदर्भ में ‘व्याख्यान’ कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस संबंध में आशीष भैयाजी एवं मुख्य वक्ता प्रोफेसर राकेश उपाध्याय ने बताया कि विश्व का सबसे बड़ा महानाट्य भारत के गौरवशाली अतीत का मंचन जाणता राजा भारत का इतिहास देश भक्ति और बलिदान का इतिहास है समृद्धि का इतिहास है। युद्ध नीति से लेकर राज्य व्यवस्था की लिए भी हमें शिवाजी महाराज से प्रेरणा मिलती है। शिवाजी ने आगे चलकर अटक से कटक तक हिंदवी स्वराज का भगवा परचम लहराया शिवाजी के शासन प्रशासन से हमें सीख लेने की जरूरत है। शिवाजी महाराज ने सेना के साथ ही नौसेना को भी मजबूत बनाया। समुद्र तट को सुरक्षित किया।
पुणे में 29 जुलाई 1922 को जन्मे इतिहासकार बाबा साहब पुरंदरे ने मराठी भाषा में राजा शिवाजी की छत्रपति किताब लिखी इस किताब में शिवाजी महाराज की पूरे जीवन का सार है। उन्होंने भारत के हर उसे किले का दौरा किया जहां शिवाजी महाराज कभी गए थे शिवाजी महाराज के जीवन पर उन्होंने 1985 में ज्यादातर राजा नाटक शुरू किया, उन्हें पद्म विभूषण कालिदास सम्मान और महाराष्ट्र भूषण से नवाजा जा चुका है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने जीवन पर आधारित जाणता राजा नामक नाटक विश्व का सबसे बड़ा मोबाइल ड्रामा है। 1985 में इसका पहला मंचन हुआ था, इसके बाद से यह लगातार चलता आ रहा है। इस नाटक का भारत, अमेरिका और इंग्लैंड सहित दुनिया भर में 1300 से ज्यादा मंचन हो चुका है, चार मंजिला रंगमंच, ढाई सौ से ज्यादा कलाकार और घोड़े पर सवार सैन्य बल हमारे भीतर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र को उतरती चले जाते हैं। तोप हाथी घोड़े पर सवार सैनिक राजा शिव छत्रपति महानत्य को सजीव बना देते हैं। जाणता राजा नाटक के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज की विभिन्न व्यवस्थाओं और नीतियों को दिखाने का प्रयास किया गया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है रामराज की कल्पना शिवाजी महाराज के समय में भी घरों में ताले नहीं लगती थी। किसी में कोई भेदभाव नहीं था और राजा के लिए भूमि और प्रजा सबसे ऊपर थी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सूर्य प्रताप शाही कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ आशीष गौतम, मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर राकेश उपाध्याय आईआईएमसी जेएनयू केंपस दिल्ली, दिनेश लाल निरहुआ सांसद आजमगढ़, प्रभुनाथ सिंह, देवेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, चंद्रसेन सिंह, अभिषेक सिंह आशु, संजय सिंह, मयंक गुप्ता, पंकज सिंह कौशिक, एनपी सिंह सहित सम्मानित गणमान्य जन उपस्थित रहे।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)
Today | 12, April 2025