आजमगढ़: अब दुर्घटना के बाद क्लेम के लिए नहीं भटकेंगे लोग

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सभी थाने पर खोले गये स्पेशल मोटर एक्सीडेंट यूनिट
एक सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबिल व एक कांस्टेबिल रहेंगे तैनात
आजमगढ़। अब सड़कों पर होने वाली दुर्घटना के बाद क्लेम के लिए लोगों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए सभी थाने पर स्पेशल मोटर एक्सीडेंट यूनिट मंगलवार से खोल दिया गया है। इस यूनिट में एक सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबिल व एक कांस्टेबिल तैनात रहेंगे। यूनिट में तैनात पुलिस कर्मियों को मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार में ट्रेनिंग देकर प्रशिक्षित किया गया है। 
बता दें कि दुर्घटना होने के बाद मृतक व घायलों के परिजन क्लेम के लिए विभागों का चक्कर काटते रहते थे। क्लेम के लिए जो आवश्यक दस्तावेज न होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जानकार जो लोग सभी दस्तावेज तैयार करा लेते थे वे भाग-दौड़ कर अपने क्लेम का भुगतान करा लेते थे। लेकिन इन सभी जानकारी से जो अनभिज्ञ रहते हैं, वे भाग-दौड़ के बाद भी क्लेम नहीं पा रहे हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए उच्च न्यायालय ने डीजीपी को निर्देश दिये। उच्च न्यायालय के निर्देश पर यातायात निदेशालय ने जिले के सभी थानों पर स्पेशल मोटर एक्सीडेंट यूनिट खोलने का आदेश दिये।उक्त आदेश पर एसपी अनुराग आर्य ने सभी थानों पर मंगलवार को स्पेशल मोटर एक्सीडेंट यूनिट खोल दिये। 
एसपी सिटी संजय कुमार ने बताया कि प्रत्येक थाने पर खोले गए इस स्पेशल यूनिट में एक सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबिल व एक कांस्टेबिल की तैनाती की गयी है। जो थाने के कार्य के साथ ही इस कार्य को भी संपादित कराएंगे। एसपी ट्रैफिक संजय कुमार, आरटीओ प्रशासन राधेश्याम, आरटीओ इंफोर्समेंट आरएन चौधरी, अभियोजन अधिकारी के द्वारा स्पेशल यूनिट में तैनात किये गए दरोगा, दीवान व सिपाही को मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार में बुलाकर इस संबंध में ट्रेनिंग देने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षित भी किया गया। साथ ही प्रत्येक थाने में यूनिट स्थापित करने के बारे में बताया गया कि यह यूनिट एक्सीडेंट क्लेम प्राप्त कराने के संदर्भ में कार्रवाई करेगी।
एसपी ट्रैफिक संजय कुमार ने कहा कि  कोई भी दुर्घटना घटित होती है तो अब थाने पर ही एक प्रोफार्मा उपलब्ध रहेगा। यूनिट में तैनात पुलिस कर्मी पीड़ित के परिजन को क्लेम दिलाने में मदद करने के लिए प्रोफार्मा में उक्त सभी डिटेल भरेंगे जो क्लेम के लिए चाहिए। इसी के साथ ही पीड़ित को क्लेम दिलाने में भी सहयोग करेंगे। यूनिट खुलने के बाद पीड़ित के परिजनों को व्यर्थ की भाग-दौड़ से छुटकारा मिलेगा।

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