लखनऊ। घोसी विधानसभा उपचुनाव में मतदान से पहले बसपा ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है। उसने कहा है कि बसपाई या तो घर बैठेंगे और यदि बूथ तक जाएंगे तो नोटा दबाएंगे। बसपा के इस निर्णय से घोसी के सियासी रण में मुकाबला रोचक हो गया है। यहां 90 हजार से ज्यादा अनुसूचित जाति के वोटर हैं जो परिणाम को प्रभावित करने का माद्दा रखते हैं। इस उपचुनाव को सियासी नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है। इसके दो मुख्य कारण हैं। एक, दारा सिंह चौहान सपा छोड़कर फिर से भाजपा के साथ आ गए हैं और यहां के ताल ठोक रहे हैं। दूसरा, लोकसभा चुनाव-2024 से पहले हो रहे इस चुनाव को एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के रूप में देखा जा रहा है। सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह को कांग्रेस, रालोद का समर्थन मिलने से लड़ाई आमने-सामने की हो गई है। दोनों गठबंधन भली-भांति जानते हैं कि यहां की जीत से बड़ा मनोवैज्ञानिक लाभ मिलेगा। बसपा ने इस चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल कहते हैं कि पहले विधायकों को तोड़ने के लिए दल-बदल कानून लाया गया। पर अब नई परिपाटी शुरू हो गई कि किसी सदस्य को इस्तीफा दिलाकर अपनी पार्टी में शामिल कर लो और फिर चुनाव लड़ा दो। इसका भार जनता पर जाता है। ऐसे चुनाव का हमारे लोग बहिष्कार करेंगे। जो लोग वोट डालने जाएंगे भी वे सिर्फ नोटा दबाएंगे।
घोसी में मतदाता-90 हजार अनुसूचित जाति, 95 हजार मुस्लिम, 50 हजार राजभर, 50 हजार नोनिया, 30 हजार बनिया, 19 हजार निषाद, 15-15 हजार क्षत्रिय, कोइरी, 14 हजार भूमिहार, 7 हजार ब्राह्मण, 5 हजार कुम्हार। इस सीट पर प्रचार रविवार को समाप्त हो गया। मंगलवार को वोट डाले जाएंगे। इधर भाजपा व सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा पर तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोला है।