घोसी उपचुनाव: भाजपा ने ऐनवक्त पर बदली रणनीति

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दारा सिंह की जगह इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश
लखनऊ। भाजपा ने घोसी विधानसभा उप चुनाव को दारा सिंह चौहान बनाम सुधाकर सिंह की जगह भाजपा बनाम समाजवादी पार्टी बनाने में पूरी ताकत झोंकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सहित सरकार और संगठन की टीम ने करीब पंद्रह दिनों तक कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने के साथ चुनावी राह के अवरोध दूर करने में मशक्कत की। घोसी उप चुनाव में दारा सिंह को प्रत्याशी घोषित करने के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी थी। वहीं स्थानीय जनता में भी दारा सिंह के खिलाफ असंतोष था। समाजवादी पार्टी की ओर से इस मुद्दे को प्रचारित भी किया गया। भाजपा ने इस नाराजगी को भांपते हुए चुनाव को दारा सिंह बनाम और सुधाकर सिंह की जगह भाजपा बनाम सपा करने की रणनीति अपनाई। पार्टी के नेताओं ने कार्यकर्ताओं के बीच भाजपा की प्रतिष्ठा की बात रखते हुए उनकी नाराजगी दूर की। वहीं जनता के बीच चुनाव को भाजपा का सपा के खिलाफ चुनाव बताते हुए समर्थन मांगा है। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 2 सितंबर को अपनी रैली में विपक्ष पर निशाना साधा। योगी ने मऊ दंगों का जिक्र करते हुए जनता को साधने का प्रयास किया। कहा कि,घोसी का महत्व वही समझ पाएगा जिसने 2005 के मऊ दंगों को देखा होगा। जब मऊ जल रहा था तब उन्होंने ही दंगाबाजों के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने घोसी में बीते साढ़े छह वर्ष में हुए विकास की याद भी दिलाई। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी दो बार घोसी का दौरा कर वहां पिछड़े और दलित वर्ग को साधा। उन्होंने चुनावी सभाओं के साथ विश्वकर्मा सम्मेलन भी किया। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने करीब अलग-अलग चरण में करीब आठ दिन तक घोसी में डेरा डाला। पाठक को ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के साथ बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पाठक ने बसपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क साधकर उन्हें पुरानी दोस्ती का वास्ता देकर भाजपा के लिए समर्थन मांगा। उल्लेखनीय है कि पाठक 2016 में बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। पाठक ने बड़ी संख्या में बसपा के पूर्व विधायक, सांसद और पदाधिकारियों को भाजपा में शामिल कराया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने उप चुनाव में ना केवल चुनाव प्रबंधन की कमान संभाली बल्कि गली गली वोट भी मांगा। चौधरी और धर्मपाल ने लगातार घोसी में प्रवास कर गली मोहल्लों में विभिन्न समाजों के साथ छोटी छोटी बैठक की। एक ओर कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखा दूसरी ओर चुनावी राह के कील कांटे दुरुस्त किए। प्रत्येक गली और गांव तक जातीय आधार पर नेताओं की टीम तैनात की।

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