अफरातफरी; डीएम ने जांच के आदेश दिए
बलिया। बलिया के सोहांव ब्लॉक के फिरोजपुर और कथरिया के बीच बन रहे पक्के पुल का एक हिस्सा रविवार की शाम को ध्वस्त हो गया। हादसे के बाद मौके पर अफरातफरी मच गयी। संयोग ही रहा कि हादसे से पहले मजदूर काम करने के बाद पुल पर से हट चुके थे। विभागीय अधिकारी छानबीन में जुटे हैं। मगई नदी पर फिरोजपुर व कथरिया के बीच दो साल पहले पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। लगभग आठ करोड़ रुपये की लागत से पुल बनाने की जिम्मेदारी सेतु निगम को दी गयी। नदी के दोनों तरफ पाया खड़ा करने के बाद अब बीम बनाकर उन्हें जोड़ने का काम चल रहा है। बताया जाता है कि पुल के उपर रखा गया करीब 50 फीट लम्बा बीम भरभराकर नीचे गिरा तो तज आवाज सुनकर लोग दहशत में आ गए। मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गयी। मजदूरों की सूचना पर पहुंचे विभागीय अधिकारी पड़ताल में जुट गए हैं। एक्सईएन ने बताया कि बीम को पाया पर रखने के एक सप्ताह बाद जोड़ना था। जोड़ने में देरी होने पर किसी प्रकार बीम नीचे गिर गया। अब नया बीम तैयार कर रखने के बाद जोड़ा जायेगा। किन कारणों से यह हादसा हुआ, यह जांच के बाद सामने आएगा। इस बीच, अधिकारियों से मजदूरों ने भी सरिया आदि नहीं होने के चलते बीम की जुड़ाई नहीं होने की शिकायत की। दो माह बाद दिसम्बर में चालू होना है पुल चितबड़ागांव। इलाके के कथरिया व फिरोजपुर के बीच मगई नदी पर निर्माणाधीन पुल को दो माह बाद दिसम्बर में ही चालू होना है। हालांकि निर्माण की रफ्तार और अधिकारियों की शिथिलिता से समय पर पुल का काम पूरा होने पर लोगों को संदेह है। सूत्रों की मानें तो चूंकि पुल का निर्माण किसी ठेकेदार की बजाय सेतु निगम खुद करा रहा है। इसके चलते वहां पर जिम्मेदार अधिकारी कभी-कभार ही पहुंचते हैं। इससे निर्माण की रफ्तार काफी सुस्त है। इस पुल के बन जाने से नरहीं क्षेत्र के पचगांवा यानि चौरा, कथरिया, पिपरा, फिरोजपुर, दौलतपुर, लक्ष्मणपुर आदि गांवों के अलावा गाजीपुर के सीमावर्ती गांवों के लोगों को सहुलियत होगी। पुल से सटे घाट से कुछ देर पहले ही नाव लोगों को लेकर दूसरी तरफ रवाना हुई थी। लोगों का कहना है कि यदि नाव नीचे रहती तो बड़ा हादसा हो सकता था। पुल के अभाव में नदी के दोनों तरफ बसे गांवों के लोग वर्तमान समय में नाव से ही एक ओर से दूसरी ओर आते-जाते हैं। ग्रामीणों के अनुसार रविवार को जिस वक्त पुल का बीम नीचे गिरा, उससे कुछ देर पहले ही नाव लोगों को लेकर फिरोजपुर की ओर से कथरिया गई थी। नाव अभी दूसरी तरफ घाट पर पहुंची भी नहीं थी, तभी बीम जमीन पर गिर गया। ऐसे में बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।