जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गो आश्रय स्थल की हुई स्थापना

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गो आश्रय स्थलों के सत्यापन उपरांत उपभोग प्रमाण पत्र भेजने में देरी करने वालों को चेतावनी पत्र जारी करने के दिए निर्देश
रिपोर्ट-संजीव राय
मऊ। आज जिलाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में अस्थाई गो आश्रय स्थलों की स्थापना, क्रियान्वयन,संचालन एवं प्रबंधन हेतु गठित जनपद स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल संचालित 52 गो आश्रय स्थलों में से विकासखंड दोहरीघाट के 4 गो आश्रय स्थलों का सत्यापन अभी तक नहीं हो पाया है,जिसके कारण जुलाई माह का भरण पोषण हेतु मांग पत्र अभी तक प्रेषित नहीं किया जा सका है। उन्होंने बताया कि माह जून तक का भुगतान समस्त गो आश्रय स्थलों को कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने विकासखंड दोहरीघाट के खंड विकास अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए अवशेष गो आश्रय स्थलों का यथाशीघ्र सत्यापन कर मांग पत्र भेजने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को समस्त विकास खंडों के गो आश्रय स्थलों का सत्यापन कार्य पूर्ण करते हुए सितंबर माह तक के लिए मांग पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने समय से सत्यापन एवम् मांग पत्र ना भेजे जाने वालों को चेतावनी पत्र जारी करने के भी निर्देश दिए। गो आश्रय पोर्टल पर इन्वेंट्री फीडिंग की समीक्षा के दौरान कुछ खंड विकास अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी न होने तथा ग्राम पंचायत स्तर पर सितंबर माह तक के ऑनलाइन इन्वेंट्री फीडिंग न होने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को एक सप्ताह के अंदर सितंबर माह तक की इन्वेंट्री फीडिंग ग्राम सचिवों के माध्यम से कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना की समीक्षा के दौरान जनपद हेतु प्राप्त लक्ष्य 582 के सापेक्ष अभी तक 440 गोवंश की सुपुर्दगी पर भी जिलाधिकारी ने समस्त खंड विकास अधिकारियों को अगले एक माह में कम से कम 100 गोवंशों को सहभागिता योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत में स्थित चारागाह की भूमि पर नेपियर घास उगाने की समीक्षा के दौरान समस्त विकास खंडों में उपलब्ध क्षेत्रफल के सापेक्ष बहुत कम उत्पादन, विशेष कर विकासखंड कोपागंज में कोई भी उत्पादन नहीं किये जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला अधिकारी ने गौशालाओं से संबंधित ग्राम पंचायत की गोचर भूमि पर नेपियर घास के उत्पादन करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जनपद में निराश्रित अनुमानित लगभग 500 जानवरों को लक्षित करते हुए अगले एक माह के अंदर कम से कम पांच नए अस्थाई गो आश्रय स्थलों के निर्माण के साथ ही पांच गो आश्रय स्थलों में क्षमता वृद्धि करने के भी निर्देश दिए। निराश्रित गोवंशों की संख्या का पता लगाने हेतु उन्होंने समस्त ग्राम सचिवों के माध्यम से एक सप्ताह के अंदर इस संबंध में सर्वे कराने के भी निर्देश दिए। गो आश्रय स्थलों पर केयर टेकरों की तैनाती की समीक्षा के दौरान 160 केयर टेकरों के सापेक्ष अभी तक मात्र 104 केयर टेकरों की नियुक्ति पर जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज्य अधिकारी को तत्काल इस संबंध में नियमानुसार कार्रवाई करते हुए समस्त गो आश्रय स्थलों पर केयर टेकरों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को गोवंश संरक्षण से संबंधित सभी कर्मियों को अगले एक महीने के अंदर दूर करने के निर्देश दिए, अन्यथा की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।बैठक के दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित समस्त विकासखंड अधिकारी, समस्त पशु चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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