रिपोर्ट : वेद प्रकाश सिंह 'लल्ला'
आजमगढ़। कहते हैं कि पाप का एक घड़ा एक दिन भरता ही है। यही सब कुछ रविवार को सिधारी क्षेत्र कटघर ग्रामसभा स्थित कंपोजिट विद्यालय में नियुक्त प्रधानाध्यापक के साथ हुआ। रविवार को स्वच्छता के प्रति बच्चों को जागरूक करने के उद्देश्य से शासन के निर्देश पर पूरे प्रदेश में खोले गए विद्यालयों में बच्चों को बुलाकर उन्हें स्वच्छता का पाठ पढ़ाने की जगह प्रधानाध्यापक द्वारा कुछ और पढ़ाए जाने की बात उजागर होने की घटना ने शिक्षा जगत को शर्मशार किया है। इस कृत्य की जानकारी के बाद तो लोगों के मुंह से बरबस निकल रहा है कि इस तरह का घिनौना कृत्य किसी मनोरोगी द्वारा ही किया जा सकता है।
पल्हनी खंड शिक्षा क्षेत्र में स्थित कटघर कंपोजिट विद्यालय में प्रधानाध्यापक आफताब अहमद शहर के गुलामी का पूरा मोहल्ले का निवासी है और लंबे समय से उक्त विद्यालय में तैनात है। मनोविकृति का शिकार आफताब अहमद द्वारा विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के साथ अशोभनीय व्यवहार करने एवं बच्चों के साथ लैंगिक शोषण की घटना पूर्व में भी की जाती रही हैं। इसकी शिकायत जब बच्चों द्वारा की जाती रही तो अक्सर मामले को दबा दिया जाता रहा। आरोपित प्रधानाध्यापक द्वारा की जाने वाली घिनौनी हरकत की शिकायत इसके पूर्व भी उजागर हुई लेकिन लोकलाज के भय से दो बार उसकी इस हरकत को दबा दिया गया। रविवार को दर्जनों अभिभावकों द्वारा शिक्षक के विरुद्ध सिधारी थाने में की गई शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया। घटना की जानकारी के बाद थाने पर अपने अभिभावकों के साथ आए बच्चों का बयान लेने पहुंचे क्षेत्राधिकारी नगर के समक्ष तो शिक्षक के खिलाफ आरोपों की झड़ी लग गई। इस दौरान थाने पर मौजूद उस विद्यालय में पढ़ने वाले तमाम पूर्व छात्रों जिसमें लगभग सभी स्नातक की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनका यह कहना कि हम लोगों के साथ भी आरोपित शिक्षक द्वारा इस तरह का कुकृत्य किया गया और इसकी शिकायत करने पर भी इस मामले को अक्सर दबा दिया जाता रहा। गांव के पूर्व प्रधान बहादुर सोनकर ने बताया कि इस तरह की शिकायत पूर्व में दो बार मेरे समक्ष भी आई थी लेकिन बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आरोपित शिक्षक को कड़ी फटकार लगाकर मामले को शांत कर दिया जाता रहा। खैर जो भी हो सेवानिवृत्ति से एक साल पहले गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले शिक्षक की करतूत आखिरी समय में उजागर हुई और उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ा। यह मामला सोमवार को गांधी जयंती के दिन भी सुर्खियों में रहा।