प्रार्थना पत्र देकर भू चित्र दुरुस्तीकरण की लगाई थी गुहार
देवरिया। देवरिया जिले में खलिहान की जमीन को लेकर प्रेम के पिता के दाखिल वाद को मुख्य राजस्व अधिकारी न्यायालय ने खारिज कर दिया है। उनका कहना था कि खलिहान और एक अन्य गाटा संख्या का नक्शा वास्तविक नक्शा से बड़ा बन गया है। इसे दुरुस्त किया जाए। इस पर चकबंदी अधिकारी से न्यायालय ने रिपोर्ट मांगी। इसकी के आधार पर वाद को खारिज कर दिया गया। वादी प्रेम के पिता रामभवन ने 12 अप्रैल 2023 को प्रार्थना पत्र देकर भू चित्र दुरुस्तीकरण की गुहार लगाई थी। उन्होंने बताया था कि गाटा संख्या 27,25 रकबा 0.045 हेक्टेयर राजस्व अभिलेख में खलिहान के रूप में दर्ज है। यह साबिक नंबर 3894 रकबा एक डिस्मिल व 3900 रकबा दस डिस्मिल कुल 11 डिस्मिल से बना है। बंदोबस्ती नक्शा में उत्तर-दक्षिण का निर्मित हो गया है, जबकि पुष्टीकृत भू चित्र में यह पूरब-पश्चिम का निर्मित है। नियमतः बंदोबस्ती नक्शा व पुष्टीकृत नक्शे के अनुसार ही बनना चाहिए। पर गलती से इसका बंदोबस्ती नक्शा व पुष्टीकृत नक्शा के विपरीत अपने वास्तविक रकबा से बड़ा बन गया है। इसके पक्ष में उन्होंने अभिलेख भी प्रस्तुत किया था।
इस पर जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व की तरफ से 12 अक्तूबर 2023 को आपत्ति प्रस्तुत कर कहा गया कि वादी किसी भी आधार पर पोषणीय नहीं है। कारण कि अराजी संख्या 27,25 खलिहान की अराजी है, जो ग्राम सभा और उत्तर प्रदेश सरकार की संपत्ति है। इस अराजी पर नक्शा दुरुस्त कराने का कोई अधिकार वादी को प्राप्त नहीं है। वादी द्वारा खलिहान की अराजी पर अवैध कब्जा किया गया है। उसे बचाने के लिए यह वाद योजित किया गया है, जो किसी भी दशा में विचारणीय नहीं है। इस पर सीआरओ रजनीश राय ने प्रस्तुत वाद धारा 30 राजस्व संहिता का पालन करते हुए वाद को खारिज कर दिया है।