ग्रामीणों की मदद से बचाई गई साली की जान
बलरामपुर। बलरामपुर में चचेरी साली को बचाने के प्रयास में जीजा राप्ती नदी में कूद गया। इस दौरान साली को तो ग्रामीणों ने बचा लिया, लेकिन जीजा नदी की तेज धारा में बह गया। साली को मेमोरियल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत में सुधार है। बहनोई का पता नहीं चलने से परिजन बेहाल हैं। घटना कोतवाली नगर अन्तर्गत बौद्ध परिपथ स्थित सिसई घाट पर बुधवार दोपहर हुई। गोताखोरों को जीजा की तलाश के लिए लगाया गया है। देर शाम तक उसका कुछ पता नहीं चल सका था। थाना महराजगंज तराई के दर्जीटोला निवासी महबूब मास्टर के तीन बेटे और एक बेटी है। पहला बेटा सोहेल, दूसरा बेटा मकसूद और तीसरा मंसूर है। महबूब मास्टर की बिटिया का विवाह बुधवार को होना था। उसकी बारात थाना देहात के छितौनी गांव ज्योनार से आई। उसका विवाह सद्दाम के साथ हुआ। यह विवाह कस्बा स्थित एक मैरिज हॉल से सम्पन्न हुआ। इस विवाह के लिए मंसूर अपने बड़े भाई की साली को घर लाने गया था। दोपहर 11 बजे दोनों राप्ती नदी बौद्ध परिपथ स्थित सिसई घाट पुल पर आपस में बातचीत कर रहे थे। इसी बीच युवती नदी में कूद गई। उसे बचाने के के लिए जीजा भी नदी में कूद गया। एक के बाद एक दोनों को कूदते देख राहगीरों ने शोर मचाया। आसपास के ग्रामीण मौके पर जुट गए। कुछ उत्साही ग्रामीणों ने नदी में छलांग लगाकर युवती को बचा लिया, लेकिन उसके जीजा मंसूर का पता नहीं चल सका। युवती को ग्रामीणों ने बाहर निकालकर मेमोरियल चिकित्सालय पहुंचा दिया। जीजा मंसूर की तलाश में स्थानीय गोताखोर लगाए गए, लेकिन उसे ढूंढने में कामयाबी नहीं मिल सकी। इधर घटना की खबर लगते ही मंसूर के घर की खुशियां गम में बदल गईं। सोमवार को उसके भाई मकसूद की शादी हुई थी। बुधवार को उसकी बहन का निकाह होना था। उसके डूबने की खबर के ठीक बाद मंसूर के घर बहन की बारात पहुंच गई। अधिकांश परिवारीजन नदी की ओर चले गए थे। बारातियों का स्वागत करने के लिए लोगों की संख्या कम पड़ गई। कस्बाइयों का कहना था कि अब निकाह नहीं हो पाएगा, लेकिन लड़के के अब्बा खलील निकाह करने को तैयार हो गए। देर शाम दोनों का निकाह हुआ और लड़की की विदाई हो गई। एसपी केशव कुमार का कहना है कि मौके पर स्थानीय गोताखोरों को भेजा गया था, जो मंसूर की तलाश नहीं कर पाए। एसडीआरएस की टीम मौके पर भेजकर मंसूर की तलाश कराई जाएगी।
नदी में कूदने वाली युवती के पिता का कहना है कि उनकी बेटी घर से कुछ नाराज थी। गुस्से में उसने नदी में छलांग लगा दी। उसे बचाने के लिए मंसूर नदी में कूदा था। संयोगवश बिटिया की जान तो बच गई, लेकिन मंसूर नदी में डूब गया। उनका कहना है कि अल्लाह उसकी रक्षा करेगा। पुलिस कर्मी व गोताखोर उसकी तलाश में लगे हैं। उम्मीद है कि वह जीवित तलाश लिया जाएगा। उनका यह भी कहना है कि मंसूर के बहन की शादी गमगीन माहौल में हुई है, इसका उन्हें बेहद अफसोस है।