आजमगढ़: अपराध में लिप्त व्यक्ति व पुलिस की गलबहियां हुई उजागर

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विवादों से नहीं टूट रहा गंभीरपुर पुलिस का नाता
गैंगस्टर आरोपित के घर जश्न मनाने पहुंचे दरोगा व आरक्षी का फोटो वायरल
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’

आजमगढ़। जिले में इन दिनों विवादों से घिरी गंभीरपुर पुलिस का एक और कारनामा सोशल मीडिया पर वायरल होने से अपराधी और पुलिस की गलबहियां उजागर कर रहा है। अभी कुछ दिनों पूर्व पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर आवेदक से की गई धनउगाही के मामले में आरोपित तीन आरक्षियों के निलंबन की चर्चा थमी भी नहीं कि इसी थाने पर तैनात एक उपनिरीक्षक व आरक्षी का क्षेत्र के गैंगस्टर आरोपित व्यक्ति के घर पर मौजुदगी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने से एक बार फिर पुलिस की किरकिरी शुरू हो गई है। हालांकि वायरल फोटो अपराधी प्रवृत्ति व्यक्ति के घर पर पुलिस के जश्न मनाने की पुष्टि नहीं कर रहा लेकिन इस मामले में पुलिस और अपराधियों के गंठजोड़ की कहानी सुर्खियों में है।
सूबे में सत्ता सुख भोग रही भाजपा सरकार एक तरफ प्रदेश को अपराध मुक्त बनाना चाहती है। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अधिकारियों को लगातार निर्देशित किया जा रहा है कि अपराधी पुलिस के खौफ से दूर रहें लेकिन अपने जिले में इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है। अपराध नियंत्रण के लिए जनपद के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य अपने अधीनस्थों को लगातार अपराधियों की कमर तोड़ने की कार्यवाही के लिए दिशा निर्देश दे रहे हैं लेकिन उनके मातहत ही सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। जिसका जीता-जागता उदाहरण गंभीरपुर थाने में देखने को मिल रहा है। गंभीरपुर थाने पर तैनात एक वरिष्ठ उपनिरीक्षक व सिपाही की अपराधियों के साथ मधुर संबंध बनाने व गैंगस्टर के मामले में आरोपित एक परिवार के साथ फोटो खिंचवाने का वीडियो कुछ और कहानी बयां कर रहा है। वहीं उस क्षेत्र में तैनात सिपाही की संलिप्तता हमेशा अपराधियों के साथ बनी रहने की बात भी सामने आ रही है। सोशल मीडिया पर प्रसारित फोटो यह दर्शाता है कि जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और अपराधी अपने हिसाब से थाना चला रहेे हैं। वायरल फोटो में दीपावली के मौके पर गम्भीरपुर थाने के वरिष्ठ उपनिरीक्षक अपने एक सिपाही के साथ क्षेत्र के एक आपराधिक छवि वाले व्यक्ति जिसके ऊपर कई मुकदमें व गैंगस्टर एक्ट का अभियोग दर्ज है उसके साथ फोटो खिंचवा कर वाहवाही लूट रहे हैं।
इस संबंध में जब सुर्खियां बटोर रहे पुलिस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है। दीपावली के दिन क्षेत्र में भ्रमण करने के दौरान फोटो किसी ने खींच लिया हो यह अलग बात है। मेरी मंशा किसी अपराधी के साथ फोटो खिंचवाने की नहीं थी। वहीं क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जब पुलिस ही अपराध में लिप्त व्यक्ति के साथ फोटो खिंचवा रही है तो आम जनता का विश्वास कहां तक पुलिस के प्रति बना रहेगा। क्षेत्र के लोगों में इस कृत्य को लेकर पुलिस के प्रति आक्रोश व्याप्त है। वहीं इस मामले में गंभीरपुर थाना प्रभारी का यह कहना कि वायरल विडियो में कैद पुलिस कर्मी किसी मामले में उस परिवार के यहां सत्यापन के लिए गए थे जो किसी के गले से नीचे नहीं उतर रहा है।

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