लखनऊ। लखनऊ में शनिवार को एक दरोगा भीड़ को देखकर अचानक चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाने लगा। दरोगा बार-बार अपना अपहरण किए जाने की बात कर रहा था। कुछ लोग उसे पकड़े हुए थे और घसीटते हुए अपने साथ ले जा रहे थे। दरअसल, यूपी पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक संगठन (एसीओ) ने उसे 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया था। दरोगा एक होटल मालिक को डरा- धमकाकर घूस ले रहा था। इसकी शिकायत पर मिलने पर एसीओ ने उसके खिलाफ एक्शन लिया।
पकड़ा गया दरोगा राहुल त्रिपाठी बंथरा थाने के हरौनी पुलिस चौकी का प्रभारी था। आरोप है कि वह एक होटल मालिक को फंसाने की धौंस देकर रुपए वसूल रहा था। एसीओ की टीम सब इंस्पेक्टर राहुल त्रिपाठी को घसीटते हुए ले गई, जिससे उसकी वर्दी पर बैज लगा टूटकर गिर गया। पीजीआई थाने ले जाकर पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज किया गया। चौकी प्रभारी को एसीओ की टीम द्वारा घूस लेते पकड़े जाने के बाद यह अफवाह फैल गई कि चौकी प्रभारी का अपहरण हो गया है।
चौकी प्रभारी को घसीटते हुए ले जाए जाने के चलते यह अफवाह फैली, जिससे वहां काफी भीड़ भी जुट गई। पुलिस के उच्चाधिकारियों तक सूचना पहुंचने के बाद एसीओ की टीम द्वारा पकड़े जाने की बात सामने आई। टीम ने मौके से रिश्वत की रकम के तौर पर 10 हजार रुपये बरामद होने का दावा किया है।
एसओजी टीम ने फरियादी को लेकर चौकी प्रभारी को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया था। पीजीआई थाने में मामले से संबंधित मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी चौकी प्रभारी को रविवार को कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना है।
एसीओ की टीम ने जब अचानक छापा मारकर चौकी प्रभारी को दबोचा तो कुछ देर तक वह कुछ समझ ही नहीं पाया। फिर वह भागने की कोशिश करने लगा। बाद में पकड़े जाने के बाद भी वह गाड़ी में बैठने को तैयार नहीं हो रहा था। उसने भीड़ से मदद की गुहार लगाते हुए चिल्लाना शुरू कर दिया कि उसका अपहरण हो रहा है।
लखनऊ के बंथरा थाने में गत 28 अगस्त को विशाल रावत पर किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। विवेचना के बाद मुकदमे में दुष्कर्म की धारा लगाई गई और दो आरोपी जेल भेजे गए। इस केस की विवेचना हरौनी चौकी प्रभारी राहुल त्रिपाठी कर रहे थे। इस दौरान राहुल ने इलाके के एक होटल मालिक विनोद कुमार से कई बार पूछताछ की थी।