अनचाहे गर्भ का चिकित्सकीय समापन को लेकर सीएमओ कार्यालय में जनपद की महिला चिकित्सकों की बैठक

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रिपोर्ट-संजीव राय
मऊ. गर्भसमापन अधिनियम 1971 (एमटीपी एक्ट) के अंतर्गत जनपद स्तर पर गठित जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) की बैठक जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सभागार में सभी प्रसूति एवं स्त्री रोग चिकित्सकों की बैठक सीएमओ डा. नंद कुमार के निर्देशन पर हुआ। जिसमें की अनचाहे गर्भ के चिकित्सकीय समापन (एमटीपी) एक्ट के तहत संशोधित कानून की जानकारी दी गई। चिकित्सकों को पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया यह जानकारी एसीएमओ नोडल एमटीपी डा. आरएन सिंह ने दी।
सीएमओ डा. नंदकुमार ने बताया कि गर्भ के चिकित्सकीय समापन के लिए 2021 में एमटीपी संशोधित कानून के बारे मे सभी को अवगत कराया । असुरक्षित गर्भपात मातृ मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है, मातृ मृत्यु दर का 8% कारण असुरक्षित गर्भपात है, हर 2 घण्टे मे एक महिला की मृत्यु असुरक्षित गर्भपात के कारण होती है। सीएमओ ने बताया कि पहले एमटीपी अधिनियम के अंतर्गत फ़ैमिली प्लानिग मेथड फ़ेल हो जाने की अवस्था मे केवल विवाहित महिला को ही गर्भसमापन की अनुमति देता था। नए संशोधन के बाद अन्य महिलाएं भी सुरक्षित गर्भपात की सेवाएं प्राप्त कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए गर्भपात की ऊपरी की सीमा को बड़ाकर 24 सप्ताह तक कर दिया गया है, और एमटीपी एक्ट संशोधित अधिनियंम के अंतर्गत 20 सप्ताह तक के गर्भसमापन के लिए एक प्रशिक्षित रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिसनर(आर॰एम॰पी॰) व 20 से 24 सप्ताह के गर्भसमापन के लिए 2 स्त्री रोग विशेषज्ञ सेवा प्रदाता की राय आवश्यक है। जिसमे में 18 वर्ष से ऊपर की महिला को उसकी अनुमति के बाद गर्भ समापन की सेवाये एमटीपी एक्ट अधिनियंम के अंतर्गत दी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि लेकिन इसका आधार कभी भी लिंग जांच नहीं होना चाहिए। लिंग आधारित भ्रूण जांच और गर्भपात कानूनी रूप से जुर्म है, जिसके लिए सजा का भी प्रावधान है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीके यादव ने बताया कि सभी अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर उच्च जोखिम गर्भवती को जनपद के सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर उन्हें विभाग द्वारा ऑनलाइन जारी कूपन के अनुसार सेवाएं देनी आवश्यक है। जारी कूपन जारी होने की तिथि से एक माह तक अधिकृत होगा। जिससे कि अब गर्भवती महिलाओं को जिले के किसी भी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर पर सरकार के खर्चे पर चेकअप की सुविधा प्राप्त होगी। आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के शीतांशु श्रीवास्तव ने एमटीपी एक्ट संशोधन 2021 से जनपद की पंजीकृत महिला प्रसूति स्त्री रोग विशेषज्ञों को अवगत कराया। जिसमें उन्हें कितने माह तक की गर्भवती को गर्भ समापन के लिए क्या कानून नए बनाए गए हैं, पंजीकरण के नियम क्या है? कौन कहाँ और किन परिस्थितियो सेवाये दी जा सकती है, इसकी पूरी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। महिला प्रसूति विशेषज्ञों के प्रश्नों को लिया गया और बैठक में मौजूद चिकित्सा अधिकारी द्वारा शंका समाधान का निराकरण किया गया।
इस बैठक में जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षका डा. चंदा सिन्हा, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के डीपीसी विवेक सिंह, दुर्गा सिंह, शारदा नारायण हॉस्पिटल की डा. एकीका सिंह, डा. कुसुम वर्मा, डा. प्रतिमा सिंह आदि अस्पताल के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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