लक्ष्य की ओर अग्रसित व्यक्ति को ऐसा होना चाहिए कि भावनाएं उसको भटका न सकें-नरेन्द्र मिश्रा
आजमगढ़। जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर में सोमवार को एक मोटिवेशनल कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने पठन-पाठन की बारीकियों के साथ साथ भारतीय मूल्यों के साथ वैश्विक शिक्षा, नयी शिक्षा नीति, व्यक्तित्व विकास आदि के बारे में बहुत कुछ जाना।
कार्यक्रम में पधारे देश के जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर नरेन्द्र मिश्रा ने कहा कि एक व्यक्ति की जिन्दगी में भावनात्मक रूप से बहुत कुछ ऐसा घटता है जो उसके मस्तिष्क को प्रभावित करता है लेकिन एक निश्चित लक्ष्य की ओर अग्रसित व्यक्ति को ऐसा होना चाहिए कि भावनाएं उसको भटका न सकें। आज का दौर कठिन प्रतियोगिता का दौर है। ऐसे में छात्र/छात्रायें काफी दबाव महसूस करने लगे हैं। अधिक नम्बर पाने की लालसा, माता पिता के सपनों की परवाह, लोगों की टीका टिप्पणी में छात्र एसे उलझे हैं जिसके परिणाम स्वरूप गलत कदम भी उठा रहे हैं। किसी भी दबाव से कैसे उबरें, खान-पान कैसा हो के साथ साथ प्राणायाम से होने वाले अनेक लाभों पर उन्होंने विस्तृत चर्चा किया। छात्र के लिए कैरियर का निर्धारण बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। अपनी क्षमता और रूचि देखते हुए ही छात्रों को अपना कैरियर निर्धारित करना चाहिए और उसी पर अडिग हो जाना चाहिए। कैरियर का निर्धारण रोज रोज नहीं होता है। एक ही बार दृढ़ संकल्पित होेकर अपने लक्ष्य पर लगना चाहिए।
नयी शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा करते हुए श्री मिश्र ने कहा नयी शिक्षा नीति से पठन पाठन काफी बदलने वाले है। इसके आधार पर भारत सरकार शिक्षा ने उस रूप की कल्पना की है जो वैश्विक होगी लेकिन भारतीय संस्कारों से भरी होगी। इस पालिसी के द्वारा जो शिक्षा दी जायेगी वह नैतिक मूल्यों से ओत प्रोत होगी। विद्यालय के प्रधानाचार्य रामजी चौहान ने भी इस संदर्भ में अपने विचारों को रखा। कार्यक्रम को सफल बनाने मंे श्रीकान्त सिंह, संतोष, नवनीत, रंजना, प्रियंका, रूबी आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।